विश्व के शीर्ष 2% पॉलीमर वैज्ञानिकों की सूची में पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह मिला पांचवीं बार स्थान

विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ.मिथिलेश यादव भी सूची में शामिल

  स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत पॉलीमर प्रभावशाली वैज्ञानिकों की सूची

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण हैजब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह और रज्जू भैय्या संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. मिथिलेश यादव को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत प्रभावशाली पॉलीमर वैज्ञानिकों की सूची में पांचवीं बार शामिल किया गया है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह सूची शोध गुणवत्ताएच-इंडेक्ससाइटेशन और सह-लेखकों की संख्या जैसे वैज्ञानिक मानकों पर आधारित होती है।

कुलपति ने  पॉलीमर एवं बायोपॉलीमर नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। विशेष रूप से पॉलिसैकेराइड आधारित नैनो पदार्थों के संश्लेषणवर्णन और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों में उनका शोध कार्य सराहनीय रहा है। उन्हें अब तक कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार व फैलोशिप प्राप्त हो चुके हैं। एडवांस्ड मटेरियल लेटेस्ट पत्रिका द्वारा उन्हें सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान एएमएल मेडल भी प्रदान किया गया है।

पूर्व में वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। कुलपति पदभार ग्रहण करने के बाद से ही वह गुणवत्तायुक्त शोध को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही हैं। विश्वविद्यालय को भारत सरकार की पर्स योजना के अंतर्गत करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान प्राप्त हुआ हैजिसके लिए प्रस्तुतीकरण स्वयं कुलपति ने किया था।

वहींरज्जू भैय्या संस्थान के सहायक आचार्य डॉ. मिथिलेश यादव को भी लगातार पांचवीं बार इस प्रतिष्ठित सूची में स्थान मिला है। पॉलीमर संश्लेषण एवं अनुप्रयोग के क्षेत्र में उन्हें 15 वर्षों से अधिक का शोध अनुभव है। उन्होंने अब तक 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किए हैंउनके नाम 3274 से अधिक गूगल साइटेशन हैं और उनका एच-इंडेक्स 29 है। वे “पॉलिमर” जर्नल के संपादक रह चुके हैं और वर्तमान में बायोपॉलीमर नैनोकंपोजिट पर शोध कार्य कर रहे हैं।

डॉ. यादव को विभिन्न संस्थाओं से कई शोध अनुदान प्राप्त हुए हैं। पूर्व में वे दक्षिण कोरिया और ताइवान में वरिष्ठ शोधकर्ता के रूप में कार्य कर चुके हैं और वर्ष 2014 से 2017 तक कोठारी पोस्ट-डॉक फेलो के रूप में जामिआ मिल्लिया इस्लामियानई दिल्ली में शोधरत रहे।

इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह एवं डॉ. मिथिलेश यादव को विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनोद कुमार सिंहउप कुलसचिव अमृत लालप्रो. मनोज मिश्रप्रो. राजेश शर्माप्रो. प्रमोद कुमार यादवप्रो. प्रदीप कुमारप्रो. राघवेन्द्र पाण्डेयप्रो. सौरभ पालप्रो. गिरिधर मिश्रप्रो. राजेश सिंहप्रो. संदीप सिंहप्रो. रजनीश भास्करप्रो. राकेश कुमार यादवडॉ. प्रमोद यादवडॉ. रसिकेश, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार,डॉ. अन्नू त्यागी,  डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. आशीष वर्मा  सहित विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों ने हार्दिक बधाई दी है।

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