सहकारिता से समृद्ध किसान, समृद्ध भारत
कलेक्ट्रेट सभागार में सहकारी संगोष्ठी व सदस्यता महाभियान सम्पन्न
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं स्वागत गीत से हुआ। इस दौरान अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक श्रीकांत गोस्वामी सहित अन्य अधिकारियों ने मुख्य अतिथि व जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया।
राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि –
"जब तक हमारे किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध नहीं होंगे, तब तक विकसित भारत की संकल्पना अधूरी रहेगी। सहकारिता किसानों की रीढ़ है, जो बीज, खाद, ऋण सहित कृषि की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।"
उन्होंने आगे कहा कि शासन सहकारी समितियों को मजबूती देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। बंद पड़ी समितियों को पुनः चालू किया गया है और आधुनिक तकनीक से किसानों को जोड़ने के प्रयास हो रहे हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि सहकारिता विभाग केवल किसानों की समस्याओं का समाधान ही नहीं करता, बल्कि उन्हें समृद्धि और खुशहाली की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने समितियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया और किसानों से ढैचा की खेती को प्रोत्साहित करने की अपील की, ताकि भूमि की उर्वरता और उत्पादन में वृद्धि हो।
इसके बाद उपस्थित अतिथियों ने सदस्यों की पहचान पासबुक का अवलोकन किया और सभी किसानों को संगठित होकर कार्य करने की शपथ भी दिलाई गई।
कार्यक्रम का संचालन सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) ब्रह्मजीत सिंह ने किया। स्वागत गीत की प्रस्तुति सविता अंशुमान ने दी।
इस अवसर पर जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष कुंवर वीरेंद्र प्रताप सिंह, जिला सहकारी फेडरेशन अध्यक्ष धनंजय सिंह, सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक बृजेश पाठक, जिला सहकारी बैंक सचिव आशुतोष त्रिपाठी, अपर जिला सहकारी अधिकारी प्रीति सिंह सहित अनेक अधिकारी, सचिव और सहकारी समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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