लाक डाऊन में अब पास बनवाने के नाम पर धनोपार्जन के खेल की धूम, दलालो के पौ बारह




जौनपुर । आज देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। समाज, सरकार, सरकारी तंत्र सभी इससे निजात पाने के लिए परेशान है। लेकिन धनोपार्जन करने वाले कथित दलाल टाईप के लोग जन सेवा के बजाय इसमें भी अपनी जेब भरने का रास्ता निकाल लेते है । जनपद मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में ऐसे लोग "लहर गिन कर पैसा कमाने" के मुहावरे को चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं । ऐसी चर्चा आम जन मानस के बीच में खासा चर्चा का बिषय बना है ।
जी हाँ  हम बात कर रहे हैं पास व्यवस्था की,  लाक डाऊन में सरकार ने आदेश जारी किया कि आम जन मानस को बाहर जनपद या अन्य प्रदेश में जाने के लिए जिला प्रशासन से पास लेने के बाद ही आवागमन संभव है । ऐसे में लोग अपने जरूरी कार्यों की यात्रा के लिए पास चाहते है ।लेकिन पास बनाने की प्रक्रिया को  सरकारी तंत्र ने थोड़ा सख्त किया तो दलालों के पव बारह हो गये। 
सूत्र की माने तो इस कार्य में जनपद के कुछ पत्रकार जो जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी के पास बैठकी करते है और अधिवक्ता के नाम पर  कुछ कथित वकील ऐसे कुछ सरकारी कर्मचारी इस बहती गंगा में हाथ धोने में जुटे हुए हैं । खबर यह भी मिली है कि पास बनवाने के नाम पर पांच सौ रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक का खेल किया जा रहा है। दलालो के माध्यम से पास आसानी से बन रहा है वही यदि सीधे पीड़ित पास का आवेदन करे तो उसे निराशा ही हाथ लगती है ऐसे में मजबूर हो कर दलालों के हाथ के माध्यम चुनने को मजबूर है।
इसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी है लेकिन कान में तेल डाले चुप है। जन चर्चा है कि इस खेल के पीछे कहीं न कहीं अधिकारियों का भी ऐसे दलालों को संरक्षण प्राप्त है। इस पास बनवाने के नाम पर धनोपार्जन है न "लहर गिन कर पैसा कमाना" यहाँ सवाल उठता है कि इससे जन मानस को निजात मिलेगी या  लाक डाऊन तक यह खेल चलता रहेगा । 

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