लूट का खुलासा: पुलिस वाले निकले लुटेरे, अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिये गये


जब सुरक्षा कर्मी पुलिस वाले लुटेरे हो तो व्यापारी सुरक्षित कैसे रह सकते हैं। जी जनपद गोरखपुर में दो स्वर्ण व्यापारियों से 30 लाख की लूट के पर्दाफाश में एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने तीन पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लुटेरे पुलिस वालों को जेल भेजते हुए अन्य विभागीय कार्यवाही की है। उन्हें शुरू से ही घटना में पुलिसकर्मियों के शामिल होने का संदेह था। थोड़ी ही देर बाद एक सीसी फुटेज भी उनके हाथ लग गया था जिसमें आरोपियों के पास सर्विस गन साफ दिख रही थी। इससे उनका शक यकीन में तब्दील हो गया और बस्ती में तैनात पुलिस वाले दबोच लिए गए।
जोगेंद्र कुमार 2015 में वाराणसी में बतौर एसएसपी तैनात थे। वहां एक स्वर्ण व्यापारी से दो करोड़ रुपये से अधिक कीमत का सोना लूटा गया था। इस घटना के पर्दाफाश को चुनौती के तौर पर लेकर एसएसपी ने जांच की तो पुलिस की नई जैकेट पहने एक आरोपी उन्हें सीसीटीवी फुटेज में नजर आया। इसके बाद जिले में जितने पुलिस वालों को नई जैकेट दी गई थी, उन सब को जैकेट लेकर बुलाया गया। चार दिन में घटना का पर्दाफाश हो गया। वाराणसी में तैनात सीओ के गनर ने दो सिपाहियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था।
गोरखपुर में स्वर्ण व्यापारियों से 30 लाख की लूट के बाद एसएसपी ने इसी तर्ज पर जांच शुरू कराई। उन्हें यह यकीन था कि जिले में तैनात पुलिसकर्मी तैनाती वाली जगह पर ऐसी वारदात नहीं करेंगे। लेकिन वह कौन लोग हैं इसकी तलाश में वह स्वयं लगे थे। उन्होंने सीओ कोतवाली वीपी सिंह और कुछ अन्य पुलिस कर्मियों को असल पुलिस वालों की छानबीन करने का निर्देश दिया। इसका ही नतीजा रहा कि 24 घंटे के अंदर ही घटना का पर्दाफाश कर दिया गया
एसएसपी ने वारदात का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम तो तुरंत ही दे दिया है। वहीं डीजीपी को पत्र लिखकर इनाम के लिए सिफारिश भी की है। इसके पीछे की मंशा है कि बेहतर काम करने वाले पुलिसवालों का सम्मान बढ़े।

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