सवालः कोरोना संक्रमण के मामले में सरकारी दावा क्या भौतिक धरातल पर नजर आ रहा है



जौनपुर। जिला प्रशासन जौनपुर ने जनपद वासियों को अवगत कराया है कि जनपद में कोरोना के मरीज हेतु पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय मटियारी, केराकत में 225 बेड, जिला अस्पताल में बने एल-1 हॉस्पिटल में 100 बेड एवं ट्रामा सेंटर में बने 30 बेड का अस्पताल कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध है। 24 वेंटीलेटर जिला अस्पताल में एवं 12 अन्य निजी अस्पतालों में चालू हालत में हैं, जनपद में ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त उपलब्धता है, यदि किसी भी व्यक्ति को ऑक्सीजन की आवश्यकता है तो  हॉस्पिटल से संपर्क कर प्राप्त कर सकता है। जिला प्रशासन ने बताया कि कोविड-19 के मरीज कंट्रोल रूम में फोन करें, जिसके उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम परीक्षण करके उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराएगी साथ ही आइबर मैकटिन, विटामिन डी एवं सी डॉक्टर की सलाह पर ले एवं पेट के बल लेटकर अभ्यास करें जिससे ऑक्सीजन की मात्रा शरीर में बनी रहे।
प्रशासन के ये दावे कितने सच है तो अलग का बिषय है लेकिन आज ही जिले के एक प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक ने आक्सीजन की कमी के लिये जिले के स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। अब सच किसे माना जाये सरकारी विभाग को अथवा चिकित्सक को जो आक्सीजन के अभाव में मरीज को वाराणसी जाने की सलाह दे रहा है। 

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