जनपद में साड़ों का आतंक जनता भयभीत, सरकारी खजाने से लाखों रुपए खर्च करने बाद भी आवाम असुरक्षित क्यों ?



जौनपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छुट्टा पशुओं को लेकर भले ही तमाम योजनाएं बनाई हों। इन्हें पकड़ने से लेकर सुरक्षित रखने को लेकर लाखों रुपये खर्च कर रहे हों। लेकिन हकीकत यह है कि गांव में किसान और शहर में आम नागरिक इनके आतंक से परेशान हैं। जौनपुर की नगर पालिकायें हर साल लाखों रुपये खतरनाक सांड़ों को पकड़ने में खर्च कर रहा है, लेकिन हजारों की संख्या में सांड़ यमदूत बनकर बीच चौराहे खड़े दिखते हैं। पिछले पांच साल में जनपद के अन्दर एक दर्जन से अधिक नागरिकों की मौत सांड़ों के हमले में हो चुकी है। 
नगर पालिका में लंबे समय बाद कई ईओ आए हैं। कार्यभार संभालते ही कई सुधार के दावे किये , लेकिन सांड़ों को लेकर कुछ करने की स्थिति में नहीं नजर आये हैं। शहर स्थित सदभावना पुल से चहारसू चौराहा तक महज सौ 
मीटर की दूरी में 50 से अधिक खतरनाक सांड़ों का जमावड़ा रहता है। मंडी, स्टेशन मार्ग सिपांह सहित कालोनियों आदि इलाकों में इनके आंतक से लोग रास्ता बदलने को मजबूर होते हैं। सड़क पर लंबे समय तक चलने वाले सांड़ों के संघर्ष के चलते आवागमन ठप हो जाता है। 
शहर के बाहर प्रयागराज मार्ग पर मछलीशहर मुंगराबादशापुर आदि इलाको में सांड़ हाइवे जाम कर सड़क पर बैठे नजर आते है छेड़ने पर सीधे हमला ही कर देते है। मनमानी घूम रहे छुट्टा जानवरों से व्यापारियों को भी बड़ी क्षति होती है लेकिन सीएम के द्वारा सांड़ो पर बरती जा रही कृपा के चलते सरकारी अथवा गैर सरकारी किसी की छूने तक की हिम्मत नही पड़ती है। 
यहां बतादे कि शहर की स्थित तो बद से बदतर हो गई है साड़ो का साम्राज्य हर सड़क पर कायम है उनके आतंक से पूरी आवाम दहशत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हो गये है। 


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