विविधता में एकता का अनुपम उदाहरण है भारत : प्रो.बी. के.निर्मल


सुइथाकला ( जौनपुर )गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर जौनपुर में सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत ' विविधता में एकता' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।अपने अध्यक्षीय उदबोधन में प्राचार्य प्रोफेसर बी.के. निर्मल ने कहा कि विविधता में एकता का अनुपम उदाहरण है भारत।भारतीय संस्कृति में विविधता प्रत्येक क्षेत्र में है।साथ ही साथ समाज में इंसानियत, मानवता, सदाचार, प्रेम व्यवहार जैसे मूल्य विविधता में एकता है को स्थापित करने के में सहायक हैं।मुख्य वक्ता डॉ अवधेश कुमार मिश्र ने भारत की साझा संस्कृति का वर्णन विस्तार से किया। डॉ लालमणि प्रजापति ने संस्कृत भाषा के महत्व को बताते हुए कहा कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है और यह  विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इस भाषा का वर्तमान समय में बहुत उपयोग है। श्री जितेंद्र सिंह ने हिंदी भाषा और उसकी विविधता को विस्तार से बताया।  श्री विष्णुकांत त्रिपाठी ने बताया कि सेवा पखवाड़ा को क्यों मनाया जा रहा है एवं इसका महत्व क्या है । इस अवसर पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा भाषा की विविधता के अंतर्गत मराठी भाषा में 'मधूमाशी' नामक अंजनी गीत का गायन किया। कार्यक्रम का संचालन समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष श्री विकास कुमार यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ आलोक प्रताप सिंह विसेन ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।

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