जौनपुर की शिक्षिका प्रधानाध्यापिका रागिनी ने जानें कैसे बढ़ाया जिले का मान



जौनपुर। 'भारत का शिराज' कहे जाने वाले यमदग्निपुरम‍् जौनपुर में प्रतिभाओं की कमी कभी नहीं थी। यह जनपद इतिहास में शिक्षा के लिए देश में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। विदेशों से भी लोग यहां पर शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे। आज यहां के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया अभिनव प्राथमिक विद्यालय ककोरगहना की प्रधानाध्यापिका रागिनी गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के अनुभवी शिक्षकों में जौनपुर की रागिनी ने भी अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित करा लिया। बच्चों के लिए विभिन्न विषयों से संबंधित 140 कविताओं के संग्रह 'चहक' में रागिनी की 4 कविताएं शामिल हैं। यह जनपद के सभी शिक्षकों के लिए गौरव की बात है।
गौरतलब हो कि 'चहक' का सम्पादन राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका अरूना कुमारी राजपूत 'राज' द्वारा किया गया है। इस संबंध में रागिनी गुप्ता ने बताया कि उनकी 4 कविताएं 'चहक' में प्रकाशित होना उनके लिए गर्व का क्षण है। ये कविताएं निश्चित ही बच्चों के लिए लाभदायक होंगी। साथ ही शिक्षण कार्य में भी सभी शिक्षकों की मदद भी करेंगी। अभिनव प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका होने के नाते मैं अपने विद्यालय के सभी शिक्षकों को भी प्रोत्साहित और उनका उत्साह बढ़ाती रहती हूं। साथ ही बच्चों की शिक्षा में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए इसका भी पूरा ध्यान देती हूं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके शुभचिंतकों, साथी शिक्षकों के साथ ही शिक्षा अधिकारियों ने भी उन्हें बधाई दी है।

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