बिहार:नीतीश कुमार भले ही सीएम बने जदयू आयी छोटे भाई की भूमिका में, जदयू के 5 भाजपा के 7 मंत्री



बिहार में नीतीश कुमार को सातवीं बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य भले ही मिल गया लेकिन शपथ ग्रहण के बाद यह स्पष्ट हो गया कि  इस बार वहां पर उनकी पार्टी छोटे भाई की भूमिका में रहेगी। नीतीश कुमार की टीम में 14 मंत्रियों ने शपथ लिया है। भाजपा सरकार में बड़े भाई की भूमिका में दिख रही भाजपा के सात मंत्री हैं तो जदयू के हिस्से में कुल पांच मंत्री आए हैं। नीतीश के करीबी व पिछली विधानसभा के अध्यक्ष रहे विजय चौधरी ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है।

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने आज शाम राजभवन में जब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री व उनकी मंत्रीपरिषद के 14 अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई तो बिहार सरकार में राजनीतिक दलों की तस्वीर भी स्पष्ट हो गई। जदयू कोटे से केवल पांच विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई है। यही इतना नहीं नीतिश के बेहद खास समझे जाने वाले विजय चौधरी को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया गया है।


इससे स्पष्ट हो गया है कि वह विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अपनी पारी को पूरी कर चुके हैं। इस बार विधानसभा का अध्यक्ष नीतिश का खास व पसंदीदा चेहरा नहीं होगा। बताया जा रहा है कि भाजपा ने यह पद अपने कोटे में रखा है। पटना साहिब से विधायक नंद किशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। शपथ ग्रहण ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार की अगली सरकार में नीतिश कुमार भले ही मुख्यमंत्री रहेंगे लेकिन सरकार में बड़े भाई की भूमिका में भाजपा ही रहेगी। भाजपा के सात विधायकों के मुकाबले सरकार में जदयू के पांच विधायक शामिल किए गए हैं।

नीतिश की सरकार में इस बार कई पुराने मंत्रियों को मौका नहीं मिला है हालांकि उनके समर्थक विस्तार का इंतजार करने को कह रहे हैं। भाजपा व जदयू के अलावा हम और वीआईपी से एक-एक मंत्रियों को जगह मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद बीजेपी की ओर कटिहार के विधायक तारकिशोर प्रसाद और बेतिया की विधायक रेणु देवी ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इन दोनों को उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की संभावना है।


इन दोनों के बाद सरायरंजन से जेडीयू के विधायक और पिछली विधानसभा के स्पीकर विजय चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। चौथे नंबर पर मंत्रिपद की शपथ लेने वाले सुपौल से विधायक बिजेंद्र प्रसाद यादव रहे। वह पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री थे और लगातार सातवीं बार विधायक बने हैं। जेडीयू से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी, मेवालाल चौधरी और फुलपरास से पहली बार विधायक बनीं शीला कुमारी ने मंत्री पद की शपथ ली।


जेडीयू के कोटे के मंत्रियों के बाद जीतन राम मांझी के बेटे और एमएलसी संतोष कुमार सुमन को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। उनके बाद वीआईपी के नेता मुकेश सहनी ने शपथ ली। मुकेश सहनी ने सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए। भाजपा की ओर से मंत्रिपद की पहली शपथ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मंगल पांडेय ने ली। वह पिछली सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। उनके बाद आरा से विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह, मधुबनी के राजनगर के विधायक रामप्रीत पासवान, दरभंगा के जाले से विधायक जीवेश मिश्र और मुजफ्फरपुर के औराई से विधायक रामसूरत राय ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली। मैथिल क्षेत्र से आने वाले रामप्रीत पासवान और जीवेश मिश्र ने मैथिली में शपथ ली।

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