आज भी जनपद में दस गुना अधिक मूल्य पर बिक रहा है मीठा जहर दोहरा




जौनपुर।  जनपद में विगत तीन दशक से बेचा जा रहा मीठा जहर दोहरा को बन्द करने की तमाम कवायते सरकारी गैर सरकारी स्तर से की गयी लेकिन मीठा जहर दोहरा आज तक बन्द नहीं हो सका है आज भी जनपद में बड़ी मात्रा में दोहरे की बिक्री हो रही है। सरकारी गैर सरकारी प्रतिबन्धो का असर यह हुआ है कि दोहरे की कीमत दस गुना अधिक बढ़ गयी है। लेकिन खाने वाले रूके न ही कारोबारी इस जहर को बेचना बन्द किये है।
यहाँ बता दे कि विगत तीन दशक पहले जौनपुर के बसालतपुर गांव से दोहरे का प्रचलन शुरु हुआ और शहर में बोतली गुरू के नाम से मशहूर व्यक्ति ने अपनी जीविका के लिए इस मीठे जहर की ऐसी शुरूआत किया कि इसकी वजह से लगभग दो दर्जन से अधिक लोग अकाल मौत के शिकार हो गये लेकिन दोहरा नहीं बन्द हो सका है। बता दे बोतली गुरू की नकल करके जनपद जौनपुर में सबसे पहले बड़े पैमाने पर शंकर ने शंकर दोहरा बनाना शुरू किया बाद में यह कुटीर उद्योग का स्वरूप ले लिया और जौनपुर के गांव गांव गली गली से लगायत आस पास के जनपदों में फैल गया था। 
दोहरे के निर्माताओं की संख्या लगातार बढ़ती गयी देखते देखते दो दर्जन से अधिक लोग बढ़े पैमाने पर इस कारोबार को शुरू कर खुद माला माल हो गये लेकिन जनपद की युवा पीढ़ी को इसके सेवन से मरने को मजबूर करते रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि किसी भी कारोबारी के पास इसका कोई लाईसेंस आदि नहीं था। जनता एवं समाज सेवी संगठनों की मांग पर जनपद के नगर मजिस्ट्रेट बाल कृष्ण मिश्रा ने दोहरे के उत्पादन पर रोक लगा दिया था  न्यायिक आदेश होने के कारण कुछ दिन दोहरा बन्द रहा फिर न्यायपालिका में बैठे एक महाभ्रष्ट न्यायाधीश ने मोटी धनराशि वसूल कर सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को स्थगित कर दिया और फिर दोहरा बनने और बिकने लगा। 
जनपद के एक तत्कालीन जिलाधिकारी ने दोहरा बन्द करने का संकल्प लेते हुए कड़ाई शुरू किया तो दोहरे की बिक्री सीधे होने के बजाय पर्दे के पीछे से शुरू हो गयी। शहर में दोहरा बनाने वाले कारखाने बन्द हो गये लेकिन कारखाने गांव की ओर चले गये वहां से बन कर बाजारों में पहुंच रहे हैं। सरकारी स्तर से दोहरे के खिलाफ अभियान का असर यह हुआ कि पुलिस को महीने को नजराना मिलने लगा और दोहरे की कीमत दस गुना अधिक हो गयी है। आज भी जनपद के बाजारों से लेकर शहर में दोहरा बेंचा जा रहा है। इतना ही नहीं पुलिस आफिस के बगल में पान की दुकान पर, जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सड़क पर लाईन बाजार, परमानतपुर आदि तमाम स्थानों पर दोहरे की बिक्री हो रही है। 
चिकित्सको के अनुसार दोहरा का सेवन करने से मुंह के कैंसर जैसा गम्भीर एवं भयानक रोग होता है। इसके बाद भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं। दोहरा बनाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला खाद्य पदार्थ सड़ी सुपाड़ी,चूना, पोस्ता का पानी एवं केमिकल तथा सुर्ती सब कुछ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद खतरनाक साबित हो चुका है फिर भी इस पर आज तक रोक नहीं लगाया जा सका है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि अधिकारी रोक लगाते हैं उसका पालन कराने वाले उसी आदेश की आड़ में खुद की जेब भरने का काम करते हैं ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या इस जहर को बन्द कराया जा सकता है। 

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