भाई मंत्री पत्नी प्रोफेसर फिर भी गरीब, सिद्धार्थ विवि में नियुक्ति का मामला पकड़ने लगा है तूल



यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई का ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र पर सिद्धार्थ विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के मामला शान्त होने के बजाय अब दिन प्रतिदिन तूल ही पकड़ता नजर आ रहा है । उत्तर प्रदेश के साथ साथ अब इसे लेकर बिहार में भी सियासत गरमाने लगी है। गरीबी के आधार पर बने असिस्टेंट प्रोफेसर अरुण द्विवेदी के बड़े भाई डॉ. सतीश द्विवेदी योगी सरकार में तो मंत्री हैं और उनकी पत्नी भी प्रति महीने 70 हजार रुपये से अधिक महीना कमाती हैं। उनकी पत्नी डा.विदुषी दीक्षित मोतिहारी के एमएस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। 

भाई मंत्री, पत्नी असिस्टेंट प्रोफेसर फिर भी गरीब और ईडब्ल्यूस के प्रमाण पत्र पर नौकरी ले ली। लॉकडाउन में कॉलेज बंद हैं। मगर सोमवार को मोतिहारी के शैक्षणिक से लेकर राजनीतिक हलकों में इस बात की जबरदस्त चर्चा रही। एमएस कॉलेज के अलावा अन्य कॉलेजों में भी इस बात की चर्चा होती रही। आखिर मंत्री के भाई और असिस्टेंट प्रोफेसर के पति ने गरीबी का प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कैसे ले ली। 

इस संबंध में डा.विदुषी दीक्षित से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन लगातार बंद आया। उनसे संपर्क होने और उनका पक्ष आने पर उसे प्रकाशित किया जाएगा। इस संबंध में एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि विदुषी दीक्षित की बहाली बीपीएससी के माध्यम से 2017 में हुई थी। वे यहां मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। कॉलेज के वित्त प्रभाग के सूत्रों के अनुसार सातवें वेतनमान के बाद उनका वेतन अन्य भत्ता के साथ 70 हजार से अधिक है। 

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