आय कर विभाग के छापामारी से हडकंप, करोड़ों रूपये की बेनामी सम्पत्ती जप्ती के संकेत


बनारस और जौनपुर में शराब, होटल व रियल एस्टेट कारोबारी और भाजपा नेता जायसवाल बंधु के आवास और प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज की संयुक्त टीम ने देर रात तक कार्रवाई की। बता दें कि आयकर विभाग बनारस और जौनपुर में शराब, होटल व रियल एस्टेट कारोबारी और भाजपा नेता जायसवाल बंधु के आवास और प्रतिष्ठानों पर गुरुवार सुबह आयकर विभाग ने छापेमारी की। साथ ही वाराणसी में एक चार्टर्ड अकाउंटेट के घर पर भी छापे मारे़े। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जौनपुर के शाहगंज निवासी  ओमप्रकाश जायसवाल विजय जायसवाल,और प्रदीप जायसवाल के वाराणसी और जौनपुर स्थिति आवासों और प्रतिष्ठानों पर उस समय कड़कंप मच गया जब आयकर विभाग ने छापेमारी की। मिली जानकारी के अनुसारी लगभग दस घंटे की जांच में करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति मिली है। 
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बैंक खाते, जमीन के दस्तावेज और आभूषण जब्त कर लिये हैं। वहीं विजय के एक अन्य भाई अनुराग जायसवाल के लखनऊ स्थित होटल पर भी कार्रवाई की गयी है। सूत्र बताते हैं कि जायसवाल बंधु से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट को आयकर विभाग की टीम शाहगंज लेकर गई है, जहां दस्तावेजों की पड़ताल कराई जा रही है। 
गौरतलब है कि जायसवाल बंधुओं के आवासों और प्रतिष्ठानों पर गुरुवार सुबह आयकर विभाग की छापेमारी की सूचना से वाराणसी के नाटी इमली से जौनपुर के शाहगंज तक सनसनी फैल गयी। वाराणसी में जहां विजय जायसवाल के आवास पर कार्रवाई हुई तो वहीं जौनपुर में ओमप्रकाश जायसवाल और प्रदीप जायसवाल के प्रतिष्ठानों पर इंकमटैक्स विभाग ने कार्रवाई की। वाराणसी में गुरुवार सुबह ही शराब, होटल व रियल एस्टेट कारोबारी से जुड़े कारोबारी विजय जायसवाल के आवास पर आयकर विभाग की टीमें पहुंच गईं। 
नाटी इमली स्थित कारोबारी विजय जायसवाल के आवास और मलदहिया स्थित हरि कॉम्पलेक्स में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां भी टीम पहुंची। बता दें कि नाटी इमली में गुरुवार देर शाम तक कार्रवाई पूरी हो चुकी थी। लगभग दस घंटे की जांच में करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति मिलने का कयास लगाया जा रहा है। बेनामी संपत्तियां बनाकर करते थे इंकमटैक्स की चोरी बताया जा रहा है कि जायसवाल बंधुओं ने शराब के साथ ही होटल और रियल एस्टेट के क्षेत्रों में अपनी पैठ जमाईा। जो कंपनी बनाई गई उसमें विजय जायसवाल भी निदेशक थे। पता चला है कि अब वह कंपनी का हिस्सा नहीं हैं। आरोप है कि कारोबारियों ने पिछले वर्षों के दौरान बेनामी संपत्तियां बनाईं और करोड़ों रुपये की इंकमटैक्स की चोरी की। सूत्रों के अनुसार केवल जौनपुर में एक भाई ने पिछले कुछ वर्षों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदी है। लेकिन इन कारोबारियों ने अपने आयकर रिटर्न में लंबे समय से कम आय दिखाई। उप-निदेशक जांच राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में बनारस और जौनपुर में छापेमारी की जा रही है। इसमें प्रशांत श्रीवास्तव, समीर श्रीवास्तव, सौरभ कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं।

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