घर में गौरेया का घोसला मानव समाज परिवार के लिए जानें कितना शुभ होता है


आमतौर पर घरों में पक्षियों का आना जाना बना ही रहता है। लेकिन इन पक्षियों के घर आने उनके घोसला बनाने का अपना कुछ विचार होता है। इसके सम्बंध में हमारे धार्मिक मान्यताओं में अलग-अलग मत हैं। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ पक्षियों का घर में घोसला बानना शुभ माना गया है। इसमें खासतौर पर गौरैया के घोसले को शुभ बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि अगर हम इनके घोसले को नुक्सान पहुंचाते हैं तो इसका हमारे जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए इससे बचना चाहिए।
मान्यता है कि अगर गौरैया हमारे घर में घोसला बनाती है तो मानना चाहिए कि सुख-शांति और सौभाग्य आने वाला है। साथ ही हमारे ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि गौरैया के घर में घोसला बनाने से कई तरह के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। ऐसे में गौरौया के घोसले को कभी भी हटाना नहीं चाहिए।

गौरैया के घोसले का दिशा विचार

वहीं जानकार गौरैया के घोसले बनाने में दिशा का विचार भी करते हैं। दिशा विचार में कहा गया है कि अगर गौरैया पूर्व दिशा में अपना घोसला   बनाती है इससे घर के लोगों का मान-सम्मान बढ़ता है।

वहीं अगर गौरैया अपना घोसला दक्षिण-पूर्व अग्नेय कोण में बनाती है तो इसका अर्थ है कि बहुत जल्दी घर में मांगलिक कार्य होने वाले हैं।

अगर गौरैया का घोंसला दक्षिण दिशा में है तो इसे माना जाता है कि बहुत जल्दी धन में वृद्धि होने वाली है।

वहीं कहा गया है कि अगर दक्षिण-पश्चिम में गौरैया घोंसला बनाएं तो परिवार के सदस्यों की आयु बढ़ेगी।

इन सभी मान्यताओं के आधार पर ही कहा जाता है कि गौरैया के घोंसला बनाने से हमें कही भी नुक्सन नही है। गौरैया की आवाज काफी   मनमोहक होती है।

घट रही गौरैया की संख्या

आज के समय में वैसे ही गौरैया की दिनो-दिन संख्या कम होती जा रही है। इसके लिए मोबाइल टावरों को कारण माना जा रहा है। टावरों के रेडियेसन से इनकी मौत हो रही है। ऐसे में हमें गौरैया को संरक्षित करना चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

शीतलहर के चलते कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय दो दिन बंद

शीतलहर के चलते स्कूल और कॉलेज बंद, प्रशासन का बड़ा फैसला

*जौनपुर में कानून व्यवस्था में बड़ा फेरबदल, कई निरीक्षक के कार्य क्षेत्र बदले*