सजा के बाद अब आजम खान की विधान सभा से सदस्यता भी हुई खत्म,जानें पूरा मामला क्या है

 

भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी करार दिए गए सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर शहर सीट के विधायक मोहम्मद आजम खां की विधानसभा की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। इस मामले में गुरुवार को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें 3 वर्ष की सजा सुनाई थी। आजम को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किये जाने के चुनाव आयोग का पत्र मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने इस बारे में देर शाम अधिसूचना जारी कर दी है। आजम की विधान सभा सदस्यता समाप्त होने के साथ ही रामपुर सीट रिक्त घोषित कर दी गई है। अब चुनाव आयोग रामपुर की रिक्त सीट के उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित करेगा।
भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम/विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए निशांत मान ने सपा महासचिव व रामपुर शहर विधायक आजम खां को गुरुवार को तीन साल कैद व छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। 93 मुकदमों में फंसे आजम को यह पहली सजा है। सजा सुनाने के कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। सजा के एक दिन बाद ही उनकी विधायकी भी चली गई है।
वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में आजम खां खुद सपा-बसपा गठबंधन से रामपुर सीट से प्रत्याशी थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला मिलक कोतवाली में हुआ था। उन्होंने सात अप्रैल, 2019 को जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अमर्यादित बयानबाजी की थी। तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया था। वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट की अपील की थी। उनके बयान का वीडियो प्रसारित हो गया था। तब उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
भड़काऊ भाषण मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि आजम खां ने जिन-जिन शब्दों का प्रयोग किया और जिस उद्देश्य से प्रयोग किया, वह विधि की दृष्टि से भड़काऊ, घृणित, समाज को बांटने वाले तथा सरकार व प्रशासन को अपमानित करने वाले हैं। सरकार के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाले और लोक प्रशांति व लोक क्षेम को हानि पहुंचाने वाले हैं।
सजा सुनाए जाने पर आजम खां ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले को स्वीकारता हूं। फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी। इस मामले में कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा अधिकतम थी। इसमें अनिवार्य जमानत का प्रविधान है। लेकिन, मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं। उन्होंने विधायकी पर खतरा होने के सवाल पर कहा कि अभी कई विकल्प हैं। आजम खां के वकील विनोद यादव ने कहा कि अपील फाइल करने के लिए एक सप्ताह का समय मिला है।
प्राथमिकी के मुताबिक आजम खां ने अपने भाषण में असंसदीय शब्दों का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा था कि मोदी जी आपने हिंदुस्तान में ऐसा माहौल बना दिया है जिससे मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है। बहुत उमस की जिंदगी गुजार रहे हैं। जो कांग्रेस का कंडीडेट खड़ा हुआ है, वह सिर्फ मुसलमानों में वोट मांग रहा है। ताकि मुसलमानों का वोट काटकर भाजपा को जिता सके। जो तुम्हें पिल्ला व कुत्ता कहते हैं,उनसे बदला हो। तुम्हें नहीं दिख रहा है कि रामपुर में कैसा कलक्टर आया है और अपने साथ तीन अधिकारी कैसे लेकर आया है। एक माह के अंदर रामपुर को नर्क बना दिया है। कलक्टर अंधा हो गया है। बहुत उसूली बनता है। मैं बताऊंगा।मुझे मारेगा, खून बहाएगा रामपुर में, बीजेपी का इलेक्शन लड़ाएगा। किसके कहने से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कहने से। उन्होंने सीएम को भी 302 का मुजरिम बताया।

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