इंस्टिट्यूट फॉर सोशल डेमोक्रेसी द्वारा 7 सितम्बर 2025 को आयोजित यात्रा में युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं व स्थानीय नागरिकों की ऊर्जावान भागीदारी
जौनपुर में “सद्भावना यात्रा” – शांति, भाईचारे व संवैधानिक मूल्यों का सशक्त संदेश
जौनपुर शहर ने आज इंसानियत और आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए इंस्टिट्यूट फॉर सोशल डेमोक्रेसी द्वारा आयोजित सद्भावना यात्रा का स्वागत किया। यह यात्रा प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक निकाली गई, जो रमेश्वर सदन से प्रारम्भ होकर किला, अटाला मस्जिद, सुतहट्टी बाजार, सब्जी मंडी, शहीद भगत सिंह प्रतिमा, शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद प्रतिमा होते हुए नगर पालिका परिषद, जौनपुर तक पहुँची।यात्रा की शुरुआत मुख्य अतिथि अबुज़र सभासद, जौनपुर ने की। इस आयोजन हेतु यात्रा की अनुमति पूर्व में ही संस्था के जिला समन्वयक अवधेश जी ने सिटी मजिस्ट्रेट, जौनपुर से प्राप्त कर ली गई थी, जिससे कार्यक्रम का संचालन पूरी तरह कानूनी और व्यवस्थित रूप से संभव हुआ।रास्ते भर प्रतिभागियों के उत्साह का आलम यह था कि हर गली, हर मोड़ पर शांति और सौहार्द के स्वर गूंज उठे। युवा, महिलाएँ, वरिष्ठ नागरिक – सब एक ही स्वर में नारे लगा रहे थे:* “आवाज़ दो – हम एक हैं”
* “हम सबने यह जाना है – संविधान बचाना है”
* “सद्भावना से बढ़ेगा देश – हर दिल में भाईचारा विशेष”
निसार अहमद खान ने यात्रा के दौरान प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया, जबकि बीनू जी और प्रभा जी ने संयुक्त रूप से नारों, तख्तियों, कतारबद्धता और समूह की गति को व्यवस्थित रखने का कार्य किया। उनके समन्वय से यात्रा सुव्यवस्थित, ऊर्जावान और प्रभावी दिखी।
यात्रा नगर पालिका परिषद पहुँचने पर नुक्कड़ सभा में परिवर्तित हो गई। सभा की शुरुआत निसार अहमद के वक्तव्य से हुई, जिन्होंने सांझी विरासत और भाईचारे पर जोर देते हुए कहा कि “आज की यह पहल समाज को जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
इसके पश्चात इंस्टिट्यूट फॉर सोशल डेमोक्रेसी जिला समन्वयक, जौनपुर अवधेश कुमार यादव ने कहा –“हमारी यात्रा के नारों और संदेशों का प्रभाव आम नागरिकों तक पहुँचा है। कई लोग जो प्रारम्भ में हमारे साथ नहीं थे, प्रभावित होकर कुछ दूरी तक साथ चले। यह संकेत है कि समाज शांति व सौहार्द की ओर बढ़ना चाहता है। ISD साझी विरासत, शांति सद्भाव व लोकतांत्रिक मूल्यों और समावेशी समाज के निर्माण के लिए लगातार प्रयासरत है।”प्रभा जी और बीनू जी ने साझा वक्तव्य में कहा –“शांति की शुरुआत घर से होती है। जब हर व्यक्ति अपने जीवन में सहिष्णुता और आपसी सम्मान को अपनाता है, तभी सद्भावना स्थायी बनती है। आज की यात्रा में युवा ऊर्जा और जनता का उत्साह यही बताता है कि यह संदेश समाज में गहराई तक जा रहाहै।विनोद जी ने संविधान-आधारित समाज सेवा को ISD के संस्थापक डॉ. खुर्शीद अनवर की प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा –“हमारा दायित्व है कि संवैधानिक मूल्यों को घर-घर पहुँचाएँ, ताकि न्याय, समानता और भाईचारा कायम रहे।”
बृजेश जी ने जैविक खेती पर बोलते हुए कहा –“स्वस्थ समाज के लिए शुद्ध अन्न आवश्यक है। जैविक खेती पर्यावरण और मिट्टी को बचाने का सशक्त तरीका है और यही आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ जीवन देगा।”
सभा का समापन आयोजक संस्था की ओर से सभी प्रतिभागियों, प्रशासन और सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। भीड़ के बीच से बार-बार यह स्वर गूंजता रहा – “आवाज़ दो – हम एक हैं, हम सबने यह जाना है – संविधान बचाना है।
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