नेताजी के पद चिन्हों पर चलें युवा - कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य



 पीयू ने पराक्रम दिवस के रूप में मनायी  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर शनिवार को रोवर्स रेंजर्स परिसर में नेताजी की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि नेता जी के आदर्शों को आत्मत्सात कर राष्ट्र निर्माण में युवा अपना योगदान दें. उन्होंने कहा  कि नेता जी का मानना था कि एक अच्छे सैनिक को सैन्य शिक्षा के साथ अध्यात्म की भी शिक्षा देनी चाहिए ताकि उसका ध्यान अपने लक्ष्य से ना भटके। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिविल सेवा में चयनित होने के बाद भी देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया । उनके पराक्रम और चिंतन में स्वामी विवेकानंद का आदर्श था । आज युवाओं को उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है।विश्वविद्यालय रोवर /रेंजर के समन्वयक डॉ.जगदेव ने कहा कि नेताजी आजादी के बाद भी प्रासंगिक थे और अब भी हैं आज उनके पराक्रम से हमें सीख लेना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सफीउज्जमा और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ.अजय कृष्ण दुबे, डॉ.के. एस.तोमर, लक्ष्मी मौर्य, डॉ. अमरजीत, डॉ.मनोज मिश्र, डॉ.मनीष गुप्ता, डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. झांसी मिश्रा, डॉ. आलोक दास, आरके जैन समेत विद्यार्थी  उपस्थित रहें ।

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