लोकतंत्र में धनतंत्र ने नटवर लाल जैसे अपराधियों को जानिए कैसे माननीय बना दिया है




जौनपुर। लोकतंत्र में धनतंत्र के प्रवेश ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पूरी तरह से गला घोंट कर रख दिया है। जी हां पंचायत के चुनाव में ऐसा नजारा बड़े पैमाने पर देखने को मिला है।जिसका समाजिक कोई स्तर नहीं, विकास की सोच के बजाय लूट घसोट और अपराध की सोच रही उसके कन्धे पर धनबल ने विकास का दायित्व सौंप दिया है। आगमी पांच वर्षो में कितना विकास होगा सहज अनुमान लगाया जा सकता है। जनपद जौनपुर के क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में यह स्थिति स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। 
अगर हम जनपद के विकास खण्ड जलालपुर क्षेत्र प्रमुख की बात करें तो यहां पर चुनाव से पहले खूनी जंग हुई और यहां के क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने अपने पांच साल की बड़ी कीमत वसूलते हुए एक ऐसे व्यक्ति को प्रमुख पद की कमान सौंपी है जिसका इतिहास नटवर लाल जैसे अपराध से सना पड़ा है। जो धनोपार्जन के लिए अपने जीवन के इतिहास में सरकार तक को बड़े पैमाने पर चूना लगाने में जरा भी संकोच नहीं किया है वह अलग बात है कि अपने कारित अपराधों के चलते जेल की सलाखों के पीछे भी जा चुका है लेकिन उसका इतिहास समाज सेवा का नहीं बल्कि लूटपाट का रहा है। 
यहां बतादे कि जलालपुर विकास खण्ड के प्रमुख पद पर नकल माफिया (नटवरलाल) बेदीराम की पत्नी बदामा देवी आसीन हो गयी है आज शपथ भी ग्रहण कर लिया है। बेदीराम उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश सहित आसपास के कई प्रान्तो में होने वाली रेलवे की परीक्षाओ के पेपर लीक करने का अपराध करते हुए लाखों करोड़ो का धनोपार्जन करते रहे है इनके इस कृत्य में अपने परिवार के सदस्यों को शामिल किये थे। यह बात कपोल कल्पित नहीं बल्कि यूपी मध्य प्रदेश बिहार के एसटीएफ के अभिलेख से स्पष्ट होता है। एसटीएफ की नजर में बेदीराम परीक्षाओ के नटवर लाल है। इतना बड़ा नेटवर्क है कि मध्य प्रदेश के आयुष मेडिकल परीक्षा का भी पेपर लीक बेदीराम की टीम ने किया था। 
इसी अपराध के जरिए करोड़ो की सम्पत्ति अर्जित करने के बाद अब बेदीराम क्षेत्र प्रमुख के जरिए विकास के नाम पर सरकार को फिर आर्थिक चूना लगाने के लिए अधिकृत हो गये है। कहने को भले ही पत्नी बदामा देवी प्रमुख रहेगी लेकिन सारा खेल तो बेदीराम ही करेंगे। ऐसे अपराधी को माननीय बनाने की भूमिका में भाजपा के जफराबाद विधायक सहित एक शराब माफिया की भूमिका खास रही है। सबसे खास तो मतदाता यानी सदस्य क्षेत्र पंचायत की रही है जो मोटी रकम लाखों में लेकर जनता के विश्वास को पाँच साल के लिए बेच दिया है। यहां बता दे कि रेलवे नौकरी के रास्ते जुड़ने वाला बेदीराम सबसे अधिक रेलवे की परीक्षाओ को 15 वर्षो तक चोट पहुंचाया।अब प्रमुख जैसे संवैधानिक पद पर आसीन होकर सरकार को आर्थिक चूना लगाने के लिए अधिकृत हो गया है। हलांकि बेदीराम का कोई सामाजिक सरोकार नहीं है ऐसे में अनुमान है कि क्षेत्र के विकास से उनका खास लगाव सायद ही नजर आयेगा। 

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