धनन्जय सिंह के अपहरण प्रकरण में मुकर गया मुकदमा वादी कोर्ट ने घोषित किया पक्ष द्रोही


जौनपुर। नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण रंगदारी मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है वादी मुकदमा अभिनव सिंघल बाहुबली नेता धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम सिंह के उपर अपने द्वारा लगाये गए आरोप से कोर्ट में मुकर गया। अपर सत्र न्यायाधीश 6 एमपी एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को अभिनव सिंघल ने बयान दिया कि न तो उसका अपहरण हुआ था और ना ही उससे रंगदारी मांगी गई थी। वह अपनी इच्छा से पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह के घर गया था। कोर्ट ने उसे पक्ष द्रोही घोषित कर अगले गवाह सत्य प्रकाश को गवाही के लिए 21अप्रैल को तलब किया है।
यहां बता दे कि 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में मुजफ्फरनगर के निवासी अभिनव सिंघल ने बाहुबली नेता पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथ ही विक्रम पर एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए। वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाने लगे। वादी द्वारा इंकार करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए रंगदारी भी मांगी। एफ आई आर दर्ज होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार किये गये थे। बाद में इस मामले पर जमानत पर रिहा हुए। पिछली तारीख पर धनंजय व संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया कि वादी पर दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उच्च अधिकारियों के दबाव में चार्जशीट दाखिल की गई। वादी ने पुलिस को दिए बयान व धारा 164 के बयान में घटना का समर्थन नहीं किया है।
शासकीय अधिवक्ता ने लिखित आपत्ति दाखिल की। शासकीय अधिवक्ता का तर्क था कि वादी की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई।सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, वाटसप मैसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है। वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपितों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था। अगली तिथि पर दोनों आरोपित न्यायालय में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ था। कोर्ट ने वादी अभिनव को गवाही के लिए तलब किया था। कोर्ट में दिए गए बयान में वादी अभिनव सिंघल ने कहा कि वह अपनी स्वेच्छा से धनंजय सिंह के घर गया था ना तो उसका अपहरण हुआ था और ना ही उसे किसी भी तरह की रंगदारी मांगी गई थी। पूरे बयान ने पुलिस की विवेचना पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अगली तिथि 21 अप्रैल मुकर्रर की है। 

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