उत्तर प्रदेश में बिजली की दर को लेकर जारी किया नया टैरिफ, जानें क्या है व्यवस्था


उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार को इसकी घोषणा कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने आज शनिवार को बिजली की दर घोषित की है। इनकी घोषणा के बाद से प्रदेश में अब बिजली की दर में बढ़ोतरी नहीं होगी यानी बिजली महंगी नहीं होगी।

आज नियामक आयोग ने बिजली का नया टैरिफ जारी किया है। जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं के स्लैब में सबसे अधिक कमी की गई है। इनके अनुसार प्रदेश में बिजली की दरें यथावत ही रहेंगी। इतना ही नहीं बिजली की दर की स्लैब को भी घटाया गया है। उत्तर प्रदेश में पहले बिजली के दर की स्लैब 80 थीं, जिनको घटाकर 59 कर दिया गया है। इससे घरेलू उपभोक्ताओं से साथ व्यावसायिक उपयोग करने वालों को भी काफी राहत मिलेगी। ज्यादा बिजली खर्च करने वाले शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। अब सात रुपये यूनिट नहीं देना होगा। शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 3 रुपये यूनिट से बिजली मिलेगी।

शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को नई बिजली दरें
150 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट।
151 से 300 यूनिट तक ₹6.00 प्रति यूनिट।
300 से ज्यादा यूनिट पर 6.50 रुपये प्रति यूनिट।
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें
100 यूनिट तक ₹3.35 प्रति यूनिट।

101 से 150 यूनिट तक ₹3.85 प्रति यूनिट।

151 से 300 तक ₹5 प्रति यूनिट।

300 से ऊपर ₹5.50 प्रति यूनिट।


शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक तीन रुपया प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नई बिजली दरें तय की गई है। 100 यूनिट तक तीन रुपया 35 पैसे प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक भी इतना ही देना होगा। 151 से 300 यूनिट तक पांच रुपया प्रति यूनिट और 300 यूनिट से ऊपर खर्च करने वालों को 5.50 रुपया प्रति यूनिट देना होगा।
नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली सस्ती होगी।

इनको फिक्स्ड और एनर्जी चार्ज पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने ग्रेटर नोएडा में रहने वालों को बड़ी राहत दी है। नियामक आयोग ने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के समस्त उपभोक्ता के लिए बिजली यूनिट दरों में 10 प्रतिशत की कटौती की है। इससे नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के लाखों उपभोक्ताओं को बिजली के मौजूदा खर्चे से राहत मिलेगी। एनपीसीएल ने बीते वर्ष उपभोक्ताओं से बिजली आपूर्ति की औसत लागत से कहीं ज्यादा कमाई की थी। इस प्रकरण पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बैठक की थी। इसमें एनपीसीएल की चालू वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। जन सुनवाई में उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कंपनी के लागत से प्रति यूनिट 2.05 रुपये तक ज्यादा कमाने का मामला भी उठाया था।
उत्तर प्रदेश की बिजली की दरों को भारी उहापोह के बीच सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया। विद्युत उपभोक्ताओं खासतौर पर घरेलू, ग्रामीण व किसानों की बिजली दरों में कमी करने को लेकर राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने गुरुवार को विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्यगण कौशल किशोर शर्मा व बीके श्रीवास्तव से मुलाकात की। उन्होंने प्रत्यावेदन दाखिल करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की घोषित सब्सिडी और नॉन सब्सिडी के आधार पर टैरिफ का यदि निर्धारण आयोग करता है तो इस बात का ध्यान दिया जाना आवश्यक होगा कि किसी भी ऐसे श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता जो गरीब और मध्यम श्रेणी में आते हैं, उनका नुकसान ना हो। उन्होंने कहा कि आयोग ने परिषद व उपभोक्ताओं की आपत्तियों का जो जवाब बिजली कंपनियों से मांगा था, उन पर सही उत्तर नहीं दाखिल किया है।

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