बरातो में निकलने वाले दूल्हा जलूस पर रोक लगाने की मांग करते हुए विरोध में खड़े हुए अधिवक्ता, जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन


सड़कों पर निकलने वाले दूल्हा जूलुस पर लगें रोक- विकास तिवारी


जौनपुर। लगन शुरू होने के साथ शहर में जाम की समस्या बढ़ गई है। बरातों की वजह से सुगम यातायात के इंतजाम बिगड़ जा रहे हैं। नाचते झूमते बाराती पूरे सड़क पर कब्जा जमा ले रहे हैं और बिना किसी परमिशन के ही दुल्हा जूलुस नगर की लगभग सभी सड़कों पर निकल रहा है और उनके पीछे राहगीर बेबस बारात गुजरने का इंतजार कर रहे हैं। इमरजेंसी की परिस्थितियों में भी एम्बुलेंस को जाम के कारण आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। रही सही कसर लान , मैरिज लान के बाहर बेतरतीब खड़े वाहन पूरी कर दे रहे हैं। लगता है लगन शुरू होने से पहले ट्रैफिक पुलिस ने लान,मैरिज हाल संचालकों को आवश्यक निर्देश नहीं दिया था कि वैवाहिक आयोजन के दौरान वाहन पार्किंग का इंतजाम कर लिया जाए। यहां तक की सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का भी पालन नहीं हो रहा है। जाम से सर्वाधिक प्रभावित इलाका बदलापुर पड़ाव,बलुआघाट निकट शास्त्री पुल सिपाह, वाजिदपुर ,नवाब यूसुफ रोड हैं। नगर क्षेत्र में लगभग सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान के पास अपनी पार्किंग नहीं हैं इसलिए उनके ग्राहकों के वाहन भी सड़क पर ही खड़े होते है यह भी जाम का एक प्रमुख कारण हैं।
दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता विकास तिवारी के नेतृत्व में अधिवक्ताओ ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्रक देकर ध्वनि नियंत्रण के लिए सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुसार ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की है साथ ही स्टेट हाइवे और नेशनल हाइवे पर स्थित सभी मैरेज लान व होटलों के बाहर बिना अनुमति के निकाले जाने वाले दुल्हा जूलुस और पटाखों के प्रदुषण युक्त शोर तथा भारी जाम की समस्या के साथ धूल से राहत दिलाने की जो गाइडलाइन एनजीटी द्वारा अमल में लाये जाने के लिए आदेशित किया गया है उसका अक्षरश: पालन करने व वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कार्ययोजना लागू करने का आग्रह किया हैं।
श्री तिवारी का कहना है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) के चार जजों की पीठ ने दिनांक 03 फरवरी 22 को देश के प्रत्येक स्टेट को विस्तृत गाइडलाइन जारी किया है कि ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगायें तथा पानी के उचित छिड़काव द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण ( पीने योग्य पानी के बजाय उपचारित पानी का उपयोग करना) पटाकों से होने वाले प्रदूषण पर भी रोक शामिल है। प्रदेश के पुलिस डिपार्टमेंट को आदेश दिया गया की तीन महीने के अंदर ध्वनि का आकलन करने वाली डिवाइस लगायें। शोर नियंत्रण नहीं होता है तो उस स्थिति में डीजीपी स्तर के अधिकारी पर दस लाख प्रति माह जुर्माना लगाया जा सकता है।
अधिवक्ता अतुल सिंह ने कहा कि यदि सिपाह से वाजिदपुर तक साम के समय यात्रा करनी हो तो तीन से चार घंटे का समय लग जाता है,रास्ते में कई एम्बुलेंस फंसी हुई नजर आती हैं, सड़क पर लानों के बाहर सड़क पर ही बेतरतीब खड़े वाहनों की भीड़ नजर आती हैं,दूल्हा जूलुस में सामिल बारातियों द्वारा पुरी सड़क पर कब्जा कर लिया जाता है ट्रैफिक हटानें के लिए पुलिसिंग भी नजर नहीं आती तथा पूरा नगर क्षेत्र प्रदूषण के आगोश में डूबा नजर आता है।


शिकायती प्रार्थना पत्र के आलोक में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। ऐसा ज्ञापन देने वालों का कथन है। इस अवसर पर मुख्य रूप से अधिवक्ता गण विकास तिवारी, अतुल सिंह,रजनीश शुक्ल,शिव मिश्र, आकाश सिंह, सागर सोनकर, अंकित यादव, रंजीत यादव,भैयालाल यादव आदि उपस्थित रहे।

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