टायर की एजेंसी दिलाने के नाम पर 12 लाख रुपए की ठगी,तीन आरोपी पहुंच गये सलाखों के पीछे

एमआरएफ टायर डीलरशिप की फ्रेंचाइजी दिलाने के बहाने 12 लाख की धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से 14 मोबाइल, एक लैपटॉप, डेबिट कार्ड और कागजात बरामद हुए। आरोपी फर्जी वेबसाइट के जरिए झांसा देकर कई लोगों से धोखाधड़ी कर चुके हैं।
प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना विजय नारायण मिश्र ने बताया कि आरोपियों में गुलशन कुमार, विपिन सिंह और कुंदन कुमार सभी बिहार के शेखपुरा, शेखोपुर थाना क्षेत्र के मोहब्बतपुर के निवासी हैं। पीड़ित अबुजर अहमद ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपियों ने रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी फीस, अप्रूवल फीस के नाम पर 12 लाख रुपये धोखे से ले लिए। साइबर क्राइम थाने की टीम ने वेबसाइट, बैंक खाते, डोमेन ईमेल की जांच शुरू की, इसमें तीन आरोपियों का लोकेशन बिहार में मिला। टीम ने दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह एमआरएफ टायर डीलरशिप के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइजी अप्रूवल के लिए डिजिटल हस्ताक्षर बनाकर साइबर अपराध करते थे। फर्जी, बैंक खातों व सिमकार्ड का प्रयोग करते थे। गुलशन ने बताया कि पटना व शेखपुरा के विभिन्न स्थानों पर रहकर लैपटॉप व मोबाइल से साथियों के साथ कई वारदात कर चुका है।फर्जी वेबसाइट भी बनवाई थी, जो एमआरएफ कंपनी के टायर की फ्रेंचाइजी के संबंध में थी, फर्जी मोबाइल नंबर भी दर्ज था। 
कोई गूगल पर सर्च करता था तो वेबसाइट व मोबाइल नंबर शो करने लगता था, जिसमें विवरण भरवाया जाता था, विवरण मिलने के बाद फोन किया जाता था और बातों में उलझाकर पहले रजिस्ट्रेशन, अप्रूवल फीस, सिक्योरिटी फीस के नाम पर विभिन्न खातों में पैसा मंगाते थे। फिर टायर भेजने के नाम पर बड़ी धनराशि खाते में मंगाते थे और आपस में बांट लेते थे।

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