पंचायत चुनावः प्रचार के दौरान पैसा मुर्गा शराब के साथ अब खूनी खेल हो गया है शुरू
जौनपुर। पंचायत चुनाव के दौरान ही गांव की सरकार बनने के पहले जनपद में खूनी खेल शुरू हो गया है। प्रत्याशीयो के उपर हमलों की खबर आने लगी है। हलांकि जिला प्रशासन शान्ति और सौहार्द बनाये रखने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन उसके कोशिशों का असर चुनाव लड़ने वालों सहित समर्थकों के उपर नहीं है। चुनाव के लिये मतदान की तिथि जैसे जैसे करीब आ रही है रंजिश खूनी स्वरूप लेने लगी है। चुनावी रंजिश भी गम्भीर स्वरूप लेती नजर आ रही है। एक ही दिन में जिले के दो थाना क्षेत्र में प्रत्याशियों के उपर हमले की घटनाओं ने चुनावी रंजिस में खूनी खेल को बल प्रदान करते हुए पुष्टि करती है।
यहाँ बतादे कि विकास खण्ड बदलापुर के वार्ड संख्या 22 से जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ रहे संजय कुमार के उपर 12 अप्रैल की रात्रि लगभग 08 बजे के आसपास नकाबपोश बदमाशो द्वारा प्राण घातक हमला हुआ। जिसके बाबत थाना बदलापुर में मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही पहले सीएचसी बदलापुर पर उपचार कराने के बाद जिला अस्पताल भेजा गया है। घटना को लेकर इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस घटना के बाद छान बीन करने के साथ ही कानून व्यवस्था बनाये रखने का दावा कर रही है।
इसके अलावां थाना जफराबाद क्षेत्र स्थित शंकर गंज बाजार में 12 अप्रैल की रात्रि को लगभग 8.30 बजे प्रधान पद के लिये चुनाव लड़ रहे दिनेश चौहान नामक प्रत्याशी के उपर प्राण घातक हमला किया गया। खबर है मोटरसाइकिल सवार बदमाशो ने चाकू से प्रधान प्रत्याशी के उपर प्रहार किया बताया जा रहा है कि पीछे से कई बार चाकू घोंपने के बाद बदमाश भाग गये। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ने प्रत्याशी दिनेश चौहान को उपचार हेतु भेजने के बाद तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर छान बीन शुरू कर दिया है।
इसके अलावां खबर है कि गांव पंचायत के इस चुनाव में कुछ गांव के प्रत्याशी गण अपने समर्थकों को शराब पिला कर अपने विपक्षी चुनाव लड़ने वालों को भद्दी भद्दी गलियों से नवाजने के साथ चुनाव में अशांति पैदा करने की भी पूरी कोशिश कर रहे है। ऐसी घटना विकास खण्ड धर्मापुर के ग्राम उत्तरगावां में प्रधान पद के लिये चुनाव लड़ रही अनीता पाल के पति सुशील पाल द्वारा अपने समर्थकों से कराया जा रहा है। यहां भी चुनावी रंजिश गम्भीर स्वरूप लेती नजर आ रही है।
इस तरह ये घटनाएं संकेत दे रही है कि पंचायत के इस चुनाव में मतदान के दिन क्या हो सकता है। हलांकि पुलिस विभाग की ओर से 107/16 की कार्यवाही करके पाबन्द करने का काम किया जा चुका है लेकिन प्रशासन की इस कार्यवाही का कोई भी असर चुनाव लड़ने वालों पर नहीं नजर आ रही है। जो भी हो लेकिन गांव की सरकार पर कब्जा पाने के लिए अब शराब मीट मुर्गा एवं पैसा के जरिए वोटों की खरीद फरोख्त के साथ उपरोक्त घटनायें खूनी खेल का भी संकेत करने लगी है। प्रशासन कैसे निपटेगा यह तो वही जाने लेकिन जोश में लोग होश खो दिये है।
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