चलने फिरने में असमर्थ जानें कैसे बना दिया गया दुष्कर्मी, कोर्ट ने आरोप लगाने वाली को जारी किया नोटिस


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी निवासी अर्थराइटिस पीड़ित और बिना सहारा चलने फिरने में असमर्थ 70 वर्षीय विश्वनाथ पांडेय के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के तहत उत्पीड़न करने पर रोक लगा दी है। साथ ही विपक्षी पीड़िता को नोटिस जारी कर सरकार सहित उससे तीन हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 15 फरवरी 2023 को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने याची विश्वनाथ पांडेय के अधिवक्ता अश्वनी कुमार मिश्र को सुनकर दिया है।
याची का कहना है कि लोगों को झूठे केस में फंसाकर पीड़िता ब्लैकमेल करती है। उसने याची के खिलाफ कोतवाली वाराणसी में फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराई है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर वाराणसी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था। इसमें कहा गया है कि बैंक आफ बड़ौदा फतेहपुर के कैशियर सुरेश चंद्र द्विवेदी ने केस दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है।
पुलिस की चार्जशीट पर अधीनस्थ कोर्ट ने संज्ञान लेकर आरोपित महिला को समन जारी किया है। हाई कोर्ट की शरण लेने वाले याची के अधिवक्ता का कहना है कि महिला ने बिना कोई घटना हुए फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराई है, जो व्यक्ति बिना सहारे चल नहीं सकता उसे दुष्कर्म के आरोप में फंसाया गया है। कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना है। 

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