पढ़े बेटियां बढ़े बेटियां का नारा कैसे होगा साकार, जब शिक्षक ही छात्राओ के साथ करे हैवानियत, शिक्षक समाज पर सवाल ?


जौनपुर। जनपद के विकास खण्ड बदलापुर क्षेत्र स्थित कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय ऊदपुर गेल्हवा के एक शिक्षक द्वारा विद्यालय की बच्चियों के साथ छेड़छाड़ का वायरल वीडियो ने शिक्षक समाज को सवालो के कटघरे में खड़ा करते हुए प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बेटियां कैसे सुरक्षित रहेगी और पढ़ाई कर सकेगी जब गुरू ही उनका शोषण करने पर उतारू हो जाये। क्या इस हैवान शिक्षक ने पूरे शिक्षक समाज को कलंकित नहीं किया है यदि हां किया है तो इसे उसके कृत्य की सजा अभी तक क्यों नहीं मिल सकी है।
वायरल वीडियो में छात्राओ और उनके परिजन (माता) और विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का बयान साफ है कि विद्यालय में सेवारत अखिलेश सिंह नामक शिक्षक द्वारा कक्षा 7 और 8 की छात्राओ के साथ छेड़-छाड़ की घटनायें काफी समय से लगातार की जाती है। शिक्षक उपरोक्त के इस गन्दे और हैवानियत पूर्ण कृत्य से परेशान होकर छात्राओ ने पढ़ाई ही छोड़कर घर बैठने को मजबूर हो गयी है। जैसा कि उनका बयान है। परिजन भी इसी तरह का बयान देते हुए कहा है कि पढ़ाई के लिए बेटी की आबरू नहीं लुटाना है। शिक्षक द्वारा गन्दी हरकते पिछड़े वर्ग की छात्राओ के साथ किये जाने की बात प्रकाश में आयी है।
इस सन्दर्भ में प्राथमिक विद्यालय ऊदपुर गेल्हवा की प्रधानाध्यापिका सुमन सिंह ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि हैवान शिक्षक अखिलेश सिंह को कई बार समझाया कि विद्यालय की बच्चियों के साथ गन्दी हरकते करना बन्द कर दें लेकिन वह अपने को रोकने के बजाय मुझसे लड़ाई झगड़ा करते रहे। हैवान शिक्षक की गन्दी करतूतो से आजिज आने पर हमने लिखित शिकायत खण्ड शिक्षाधिकारी से करते हुए पत्र दिया कि अखिलेश सिंह के कृत्य से अब नौकरी करना कठिन है ऐसे में हमारा इस्तीफा स्वीकार किया जाये।प्रधानाध्यापिका का यह भी आरोप है कि खण्ड शिक्षाधिकारी के स्तर से कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं किया गया। जब वीडियो पूरे घटनाक्रम का वायरल हुआ तब जाकर शिक्षक अखिलेश सिंह के निलंबित मात्र किया गया है। 
वायरल वीडियो मीडिया के हाथ लगने पर इस संदर्भ में कार्यवाई के बाबत बेसिक शिक्षाधिकारी डाॅ गोरखनाथ पटेल से जब मीडिया के लोगो ने बात किया तो उन्होंने गम्भीरता से लेने के बजाय जो जबाव दिया वह संकेत कर रहा था कि बेसिक शिक्षाधिकारी को शिक्षक की घटना से कोई फर्क नहीं है। जब मीडिया सक्रिय हुई तब जाकर निलंबन की कार्यवाई की गयी है।जबकि ऐसे हैवान शिक्षक जो बेटी समान शिष्याओं के साथ छेड़ छाड़ की घटना करता हो उसे बर्खास्त कर देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया जो अधिकारियों को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है।

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