चकबंदी विभाग की मनमानी से आक्रोशित ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुँचे, जांच की मांग

जफराबाद, जौनपुर। चकबंदी विभाग की कार्यशैली से नाराज सरैयां गांव के करीब तीन दर्जन ग्रामीणों ने मंगलवार को डीएम डॉ. दिनेश चंद से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चकबंदी प्रक्रिया में भारी मनमानी और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए चकबंदी की उच्चस्तरीय जांच कराने की गुहार लगाई।

मनीष राय के नेतृत्व में ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्राली पर सवार होकर सुबह 11:30 बजे डीएम कार्यालय पहुँचे। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रनंदन सिंह को तत्काल मौके पर भेजा।

ग्रामीणों ने बताया कि बंदोबस्त अधिकारी पवन कुमार सिंधू, लेखपाल धर्मेंद्र सिंह और सीओ चकबंदी किरतापुर रामजी शुक्ला फार्म-35 में चकों की लंबाई-चौड़ाई का प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं। साथ ही आरोप लगाया गया कि पीडब्ल्यूडी के लिए आरक्षित जमीन पर अवैध निर्माण कराए गए हैं।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि गांव में चल रही चकबंदी प्रक्रिया में 50 से अधिक काश्तकारों के साथ मनमानी करते हुए गलत तरीके से भूमि का आवंटन कर दिया गया है। विरोध करने पर ग्रामीणों को डराया-धमकाया जाता है कि उनका चक दूर कर दिया जाएगा।

ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच किसी सक्षम अधिकारी से कराई जाए। इस मौके पर रवि कुमार, महेंद्र यादव, जंग बहादुर, विनोद राय, सर्वेश गिरी, लालजी, धर्मराज, रामबली, बंशराज, विद्या सागर, दिनेश कुमार, गणेश यादव समेत करीब 40 ग्रामीण मौजूद रहे।

डीएम डॉ. दिनेश चंद और सिटी मजिस्ट्रेट ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि किसी भी किसान के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और यदि शिकायतें सत्य पाई गईं तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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