कफ सिरप तस्करी कांड में चार और फर्मों पर केस दर्ज, कुल संख्या पहुँची 18
जौनपुर। प्रतिबंधित कोडिनयुक्त कफ सिरप की तस्करी मामले में जौनपुर में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जिला औषधि निरीक्षक की चल रही जांच में रविवार को चार और नई फर्मों के नाम सामने आए, जिनके खिलाफ थाना कोतवाली में केस दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसी के साथ तस्करी में शामिल फर्मों की कुल संख्या अब 18 हो गई है।जांच में सामने आया है कि सभी फर्में दिल्ली की मेसर्स वान्या इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर विशाल उपाध्याय (निवासी—अशोक विहार कॉलोनी, सरसावा देहात, सहारनपुर) से जुड़कर करोड़ों रुपये का प्रतिबंधित कफ सिरप का लेन-देन कर रही थीं। औषधि विभाग को वान्या इंटरप्राइजेज की एक्सेल शीट में ऐसे पुख्ता प्रमाण मिले हैं, जिनसे स्पष्ट है कि इन फर्मों ने 1.86 लाख से अधिक कोडिनयुक्त कफ सिरप की शीशियों का अवैध व्यापार किया।
जिला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय ने जांच रिपोर्ट के आधार पर चारों फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु एएसपी को तहरीर सौंप दी है। जिन फर्मों के नाम नए सिरे से सामने आए प्रोपराइटर शिवम कुमार मौर्य, पुत्र जय कुमार मौर्य, निवासी विशेषरपुर, चौकिया समेत अन्य तीन फर्मों के नाम औषधि विभाग ने विस्तृत रिपोर्ट में शामिल किए हैं ।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद ने कहा कि “जिन लोगों की भूमिका इस तस्करी में पाई जा रही है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और की जाएगी।
उधर औषधि निरीक्षक रजत पांडे ने बताया कि “चार नई फर्में जांच के दायरे में आई हैं, इनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अब तक 18 फर्मों पर कार्रवाई हो चुकी है। यह भी जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक राज्यव्यापी स्तर का बड़ा रैकेट है, जिसमें स्थानीय मेडिकल एजेंसियों, सप्लायरों और बड़ी फर्मों की मिलीभगत सामने आ रही है।
जौनपुर पुलिस ने भी तस्करी के पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए विशेष टीम गठित कर दी है। मामला लगातार गहराता जा रहा है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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