सांस्कृतिक विविधता राष्ट्रीय एकता की आधारशिला- कुलपति
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में नागालैंड स्थापना दिवस का भव्य आयोजन, सांस्कृतिक विविधता ने मोहा मन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में राजभवन के दिशा-निर्देशों के क्रम में नागालैंड स्थापना दिवस का भव्य आयोजन आर्यभट्ट सभागार में हुआ, जहां विद्यार्थियों ने नागालैंड की संस्कृति पर आधारित विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर देश की एकता और अखंडता का संदेश दिया।
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजन देश की सांस्कृतिक विविधता को समझने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि नागालैंड स्थापना दिवस हमें विविधताओं से भरे भारत की महान एकता और सह अस्तित्व की भावना की याद दिलाता है।
कुलसचिव केशलाल ने कहा कि हमारे हाथों में जो अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है, उसे पहचानने और संरक्षित करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य पूरे भारत से भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से जुड़े रहने की भावना को सुदृढ़ करना है।
अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी कार्यक्रम संयोजक प्रो. प्रदीप कुमार ने निभाई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की 11 छात्राओं ने नागालैंड के लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसमें कुकी सहित अन्य जनजातीय नृत्यों का आकर्षक प्रदर्शन भी शामिल था।
भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसका विषय “नागालैंड प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक एवं विविध विशेषताएँ” रहा। प्रतियोगिता का समन्वयन डॉ. शशिकांत यादव ने किया। परिणामों में प्रथम स्थान पर अभिनव कीर्ति पांडेय, द्वितीय पर प्रिया तिवारी तथा तृतीय स्थान पर मनीष जायसवाल रहे।
नागालैंड-केन्द्रित सामान्य ज्ञान क्विज़ में प्रथम स्थान माधवी पांडे, गोल्डी यादव और प्रिया तिवारी, द्वितीय स्थान मूलचंद तथा तृतीय स्थान शिवांशु सिंह को मिला। इसका समन्वयन प्रो. विनोद कुमार ने किया।
विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई रंगोली और पोस्टर प्रदर्शनी ने नागालैंड की बहुरंगी संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। नागालैंड पर छात्रा साक्षी पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत कविता को भी सराहना मिली।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित वृत्तचित्र “नागालैंड: संस्कृति से विकास तक” का विशेष प्रदर्शन किया गया। इसमें नागालैंड की सांस्कृतिक धरोहर, जनजातीय जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, 1963 से अब तक के विकास तथा विश्वविद्यालय एवं नागालैंड के शैक्षणिक संबंधों को प्रभावी रूप से प्रदर्शित किया गया। इस वृत्तचित्र का निर्माण जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर द्वारा किया गया। नागालैंड जनजातीय सेल्फी पॉइंट विद्यार्थियों के आकर्षण का केंद्र बना रहा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अन्नू त्यागी ने किया। आयोजन समिति में डॉ. आलोक दास, डॉ. राहुल राय, डॉ. अनुराग मिश्र, डॉ. वनिता सिंह, श्याम त्रिपाठी सहित अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर उप कुलसचिव बबीता सिंह, सहायक कुलसचिव सरला यादव, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. गिरधर मिश्र, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. रसिकेश, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. आलोक गुप्ता, सुशील प्रजापति समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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