पहली वर्षात ने खोली सरकारी दावों की पोल,जिले की सीमा में जर्जर है गड्ढे में तब्दील राष्ट्रीय मार्ग




जौनपुर । सरकार सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के चाहे जितने दावे करे लेकिन सच्चाई आज भी उतनी ही दूर नजर आती है। इस मौसम की पहली वर्षात ने सरकारी दावों की  पोल खोल कर रख दिया है । जब नेशनल हाईवे की सड़कें गड्ढा युक्त है तो गांव गली की सड़कों का हश्र क्या होगा सहज अनुमान लगाया जा सकता है । हलांकि की लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मरम्मत कराने का दावा ठोकते हुए गड्ढा युक्त सड़क के लिए माल बाहक वाहनों खास कर ट्रक आदि को जिम्मेदार ठहराते हैं। 
यहाँ बतादे कि राष्ट्रीय मार्ग लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग पर जनपद जौनपुर की सीमा क्षेत्र में जलालपुर बाजर से भदोही जनपद की सीमा तक लगभग 15 किलोमीटर सड़क विगत कई वर्षों से गड्ढे में तब्दील हो चुकी है उसकी न तो आज तक मरम्मत करायी गयी न ही सड़क को गड्ढा मुक्त किया गया। जिहका परिणाम है कि बड़े छोटे सभी वाहन हिचकोले खाते हुए ऐन केन प्रकारेण बनते बिगड़ते इस पार करते है । वर्षा ऋतु की पहली वर्षात होते ही सड़क पर कचरा मिट्टी का मलवा फैल गया है जिससे वाहनों सहित सभी यात्रियों को भारी कठिनाई हो रही है। 
सड़क पर स्थित रामपुर बाजार जिसे सरकार ने टाउन एरिया घोषित कर रखा है। लेकिन अभी तक चेयरमैन का चुनाव नहीं हो सका है। यहां की व्यवस्थायें सरकारी तंत्र के ही हाथ में है ।इस बाजार की मुख्य सड़क से लेकर गलियों के सड़कों की स्थिति यह है कि डामर  ( तार कोल ) कहीं पर दिखाई ही नहीं देता है । यानी मुख्य मार्ग से लेकर गली कूचे की सड़कें गड्डे में तब्दील हो चुकी है। पैदल चलना कठिन है वाहन तो दूर की कौड़ी है। 
हलांकि लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग जौनपुर के सीमा क्षेत्र में लगभग पूरी सड़क जर्जर हो चुकी है लेकिन रामपुर की हालत एकदम दयनीय स्थिति में है। सड़क गड्ढा युक्त होने के कारण प्रतिदिन इस मार्ग पर लगभग आधा दर्जन के आस पास वाहन गड्ढे में फंसे नजर आते है। 
इसके अलावां एन एच 56 वाराणसी से लखनऊ मार्ग पर जौनपुर मुख्यालय से बदलापुर तक सड़क की स्थिति अत्यंत ही भयावह हो गयी है। लोक निर्माण विभाग न तो इस जर्जर सड़क की मरम्मत करा रहा है न ही नयी बनने वाली सड़क को तेज गति बना रहा है। यह सड़क भी लगभग  30 से 40 किलोमीटर तक गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। वाहन सुरक्षित निकल जाये तो भाग्य से अन्यथा क्षति से इनकार नहीं किया जा सकता है।  वर्षात होते ही सड़क पर कचरा फैल गया है सड़क जल मग्न हो चुकी है। 
इस सन्दर्भ में पीडब्लूडी के इन्जीनियर से बात करने पर सबसे पहले सड़कों को गड्ढे में तब्दील होने के लिए जल निकासी की समस्या और ट्रको को जिम्मेदार ठहराया। फिर बताया कि बजट के अनुसार ईट पत्थर के टुकड़े गड्ढों में डाल कर ठीक किया जाता है। इन सड़कों को पूरी तरह से बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है बजटीय संकट के चलते काम नहीं हो सका लेकिन बजट की व्यवस्था होते ही काम शुरू हो जायेगा। 
बजट की व्यवस्था कब होगी इसे तो सरकार अथवा शासन जाने लेकिन वर्तमान समय में जिले की तमाम सड़के मौत का कारक बन गयी है। इन सड़कों से चलने वाले त्राहि त्राहि कर रहे हैं। प्रतिदिन दुर्घटनायें हो रही है। यहां एक सवाल और है कि क्या जिला प्रशासन जिले की सभी जर्जर सड़कों के बाबत शासन को अवगत करा के जनपद वासियों सहित यात्रियों को सुविधा प्रदान करा सकेगा या उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। 

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