मेदांता में इलाज करा रहे इस आईएएस अधिकारी का हुआ निधन
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तबीयत खराब होने के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती आईएएस अनिल कुमार का गुरुवार को निधन हो गया। वह अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात थे।
जौनपुर।अपहरण और रंगदारी के आरोप के मुकदमें में जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट से सात साल की सजा से दण्डित होने के बाद जौनपुर जिला कारागार में कैद पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता धनंजय सिंह को आज शनिवार की सुबह लगभग 08 बजे राजनैतिक कारणो को लेकर कानून का सहारा लेते हुए जौनपुर की जेल से बरेली की जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ भेज दिया गया है। धनंजय सिंह को जिला जेल से हटाए जाने के बाद उनके समर्थक और सहयोगियों जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला है। हलांकि धनंजय सिंह की जमानत के मामले में हाईकोर्ट में हुई अपील पर बहस हो चुकी है और आज शनिवार को फैसला आने की प्रबल संभावना भी जताई जा रही थी इसके बाद भी जौनपुर जेल से हटाए जाने के मुद्दे पर जिला अथवा जेल के अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज करते नजर आए। बता दे जौनपुर मुख्यालय पर चल रहे नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल को 10 मई 2020 को अपरहण करने और रंगदारी टैक्स की वसूली करने के आरोप में थाना लाइन बाजार में बाहुबली नेता पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ धारा 364, 386, 504, 506, और 120 बी का मु
जौनपुर। बड़ी खबर सात साल की सजा काट रहे पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता धनंजय सिंह को आज शनिवार की सुबह जिला कारागार से निकाल कर बरेली जिला कारागार के लिए भेज दिया गया है। इसके पीछे लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह रेड्डी को चुनाव लड़ना बताया जा रहा है। खबर है कि धनंजय सिंह के खिलाफ हुई इस कार्यवाई के पीछे जौनपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता को माना जा रहा है। हलांकि सच तो गहन जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। बतादे जेल ट्रान्सफर का आदेश गुरुवार की सायंकाल ही आ गया था उसका क्रियान्वयन शनिवार की सुबह हुआ है।
जौनपुर। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपहरण और रंगदारी टैक्स की वसूली के मामले में शनिवार को जौनपुर के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह व सह अभियुक्त संतोष विक्रम की जमानत याचिका मंजूर करते समय जो टिप्पणी किया है वह राजनैतिक दुनियां में खासी हलचल पैदा किए हुए है। कोर्ट ने इसी प्रकरण में धनंजय और संतोष की सजा निलंबित करने से इन्कार कर दिया है। अब यदि सुप्रीम कोर्ट सजा स्थगित नहीं करता है तो वह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। जौनपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें सात वर्ष की कैद की सजा सुनाई है।न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने पूर्व सांसद की अपील पर यह आदेश सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां भी की हैं। कोर्ट ने कहा है कि राजनीति का अपराधीकरण लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। राजनीतिक शुचिता जरूरी है। लंबे आपराधिक इतिहास वाला व्यक्ति सांसद बनकर कानून बनाने वाला बने तो यह जनतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा होगा। राजनीति का अपराधीकरण सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के मुखर नहीं होने व सुबूतों के अभाव में याची 28 केसों में बरी हो चुका है, ल
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