तीन माह के भीतर एक परिवार में पिता पुत्र की हत्या,थाने की पुलिसिंग पर उठने लगे सवाल


जौनपुर। जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित कयार गांव में मंगलवार की शाम सात बजे बदमाशों ने गोलियों की तड़तड़ाहट करके  अब्दुल्ला नामक युवक को मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश हवा में असलहा लहराते हुए मौके से फरार हो गए। युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज कर अन्य विधिक कार्रवाई में जुट गई। 
यहां बता दे कि विगत तीन माह पहले अब्दुल्ला के पिता एजाज को भी गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। पुलिस हत्यारो के खिलाफ अभियोग पत्र अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर सकी थी। तब तक बदमाशो ने मंगलवार 30 जुलाई को सायंकाल सात बजे एजाज के पुत्र अब्दुल्ला को निशाना बना दिया और कयार गांव में ताबड़ तोड़ गोलियों की बरसात करते हुए दूसरी घटना को अंजाम दे डाला और अब्दुल्ला को मौत की नींद सुला दिया। 
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कयार गांव में मंगलवार की सायं साढ़े पांच बजे अब्दुल्ला (27) पुत्र एजाज कयार बाजार में कुछ सामान खरीदने गया था सात बजे वापस घर लौट रहा था तभी एक बाइक पर तीन बदमाशों ने रोककर उसके उपर छह राउंड फायर झोंक कर मौत के घाट उतार दिया। जब तक लोग कुछ समझ पाते बदमाश आजमगढ़ की तरफ भाग निकले। एंबुलेंस को बुलाने तक अब्दुल्ला ने दम तोड़ दिया था।सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज कर विधिक कार्यवाई की है। इस घटना के पीछे कारण को लेकर पुलिस अधिकारी के बयान के अनुसार विगत माह 07 मई को जमीन विवाद को लेकर उसके पिता एजाज अहमद की हत्या उसी के पड़ोसियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अभी एजाज की मौत के सदमे से परिवार उबर भी नहीं पाया था कि बेटे अब्दुल्ला की हत्या की वारदात ने पूरे परिवार को झोकझोर दिया है। इसलिए स्पष्ट होता है कि जमीनी विवाद के चलते अब्दुल्ला की भी हत्या की गई है।
पुलिस अधीक्षक का बयान है कि घटना के खुलासे के लिए टीमें गठित कर दी गईं हैं। आरोपियों की पहचान कर ली गई है। मृतक के परिजन हत्याकांड में शामिल हत्यारो का नाम बताया है उसके अनुसार इस हत्याकांड में जितेंद्र यादव, अनुज यादव, पिन्टू उर्फ रमाकांत यादव और रेहान अहमद ने हत्या की है। गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। 
मृतक अब्दुल्ला के भाई अब्दुल रहीम ने अपने बयान में बताया कि दो दिन पहले पड़ोसियों ने उनके दोनों भाइयों को मारा पीटा था। इसकी शिकायत भी पुलिस से की गई थी। लेकिन थानाध्यक्ष गम्भीरता से नहीं लिए बहुत दबाव के बाद मात्र एनसीआर दर्ज किया। भाई शाम को बाजार में सीमेंट खरीदने गए थे। तभी स्काॅर्पियो सवार बदमाशों ने रोककर धमकी दी। फिर आधे घंटे बाद बाइक से आए और लगातार फायरिंग कर भाई अब्दुल्ला को मौके घाट उतार दिया गया। अब्दुल रहीम के अनुसार उसके पिता एजाज की हत्या में भी इन्हीं बदमाशों का हाथ था। अब यहां एक बड़ा सवाल है कि अब्दुल्ला के पिता एजाज की हत्या के बाद आखिर थाना सरायख्वाजा की पुलिस इस परिवार के सुरक्षा का इंतजाम क्यों नहीं कर सकी थी। हत्याकांड की घटना के दो दिन पहले मारपीट की घटना को गम्भीरता से लेने से परहेज क्यों किया है।

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