उप चुनाव वाले जिलों को छोड़कर,पूरे प्रदेश में बढ़ते अपराध के खिलाफ 19 अक्टूबर को सपा का प्रदर्शन
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया मुख्य विपक्षी दल सपा
लखनऊ। प्रदेश में बलात्कार की बढती घटनाओं और खुले आम हो रहे अपराधों को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सत्ताधारी दल भाजपा को घेरना और तेज़ कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले राज्य सरकार को एक ट्वीट के माध्यम से जबरदस्त ढंग से घेरा। उसके बाद उन्होंने बलिया और बाराबंकी में पार्टी नेताओं के एक एक प्रतिनिधिमंडल को 17 अक्टूबर को भेजने की घोषणा की । इन दोनो जिलों में सपा नेता जाकर वहां की एक रिपोर्ट तैयार कर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपेगे। पर उम्मीद है कि स्थानीय प्रशासन उन्हे घटना स्थल पर जाने नहीं देगा। इसके साथ ही 19 अक्टूबर को जिलावार धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बाराबंकी के लिए जाने वाली प्रतिनिधिमंडल में फरीद महफूद किदवई, पूर्व मंत्री, राकेश वर्मा पूर्व मंत्री, अरविन्द सिंह गोप पूर्व मंत्री, धर्मराज उर्फ सुरेश यादव विधायक, राजेश यादव सदस्य विधान परिषद, गौरव रावत विधायक, रामगोपाल रावत पूर्व विधायक, राममगन रावत पूर्व विधायक तथा हाफिज अयाज अहमद जिलाध्यक्ष बाराबंकी शामिल है।
ठसके अलावा बलिया जाने वाले प्रतिनिधिमण्डल में दयाराम पाल पूर्व मंत्री, डाॅ0 अवधनाथ पाल, रमाशंकर विद्यार्थी राजभर पूर्व सांसद, नारद राय पूर्व मंत्री, श्याम लाल पाल, जयप्रकाश अंचल पूर्व विधायक, संग्राम यादव पूर्व विधायक तथा राजमंगल यादव जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी बलिया शामिल हैं।
उपचुनाव वाले जनपदों को छोड़कर प्रदेश के सभी जनपदों में 19 अक्टूबर को प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था के सम्बंध में महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में बेटियों का सम्मान पूर्वक जीना दुश्वार है। आए दिन उनके साथ होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं पर कोई रोक नहीं लग रही है। अराजकता का ऐसा तांडव पहले कभी नहीं देखा गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने जैसे-तैसे साढ़े तीन साल से ऊपर के दिन निकाल लिए हैं, उनके अपराध के प्रति जीरो टालरेंस का दावा एक बड़े जीरों में बदल गया है। उनका रोमियो स्क्वाड लापता हैं अब चलते-चलाते जिलों में रोल माॅडल चुनने का कथित मिशन शक्ति अभियान चलाने जा रहे हैं। इसका हश्र भी वही होना है जो अब तक उनके वादो-निर्देशों-आदेशों का होता रहा है।
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