हापुण की घटना को लेकर बार कौंसिल आफ उप्र ने बढ़ाई हड़ताल की अवधि, जानें कारण



हापुड़ में वकीलों पर लाठी चार्ज के और बिना सदस्यों की सहमति के हड़ताल वापसी के निर्णय के उप्र बार के पूर्व अध्यक्ष और कई सदस्यों विरोध के बाद उप्र बार काउंसिल की वर्चुअल बैठक हुई।
पौने दो घंटे चली बैठक में बार काउंसिल बैकफुट पर आई और हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया। हालांकि कुछ सदस्य वर्चुअल बैठक में कनेक्टिविटी ठीक न होने के कारण जुड़ नहीं रह सके। काउंसिल के आह्वान पर हाईकोर्ट बार ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। बार के अध्यक्ष की ओर से कहा गया कि 11 और 12 सितंबर को अधिवक्ता काम नहीं करेंगे।
सरकार को दो दिन में बार काउंसिल की मांग पर निर्णय लेने का समय दिया गया है। मांगे नहीं मानने पर 12 को बार काउंसिल की पुनः बैठक होगी और आगे के आंदोलन पर निर्णय होगा।बार काउंसिल के हड़ताल वापस लेने के नौ सितंबर के फैसले का अधिकांश सदस्यों ने विरोध करते हुए रविवार को आपात बैठक बुलाने की मांग की थी। जिसपर सदस्य सचिव ने वर्चुअल बैठक बुलाई। जिद्दोजहद के बाद बार काउंसिल ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया। काउंसिल ने हाईकोर्ट में अर्जी दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कमेटी गठित की जाय जो हापुड़ लाठीचार्ज की घटना की जांच कर रिपोर्ट दे।


हाईकोर्ट ने शनिवार को अर्जी की सुनवाई की और न्यायमूर्ति एम के गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर बार काउंसिल की शिकायतों की जांच पर रिपोर्ट मांगी। इससे पहले आठ सितंबर को बार काउंसिल की बैठक बेनतीजा रही।

नौ सितंबर की शाम फिर हुई बैठक में हड़ताल वापस लेने का सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। हापुड़ बार एसोसिएशन सहित तमाम अधिवक्ता संगठनों ने बार काउंसिल के फैसले का कड़ा विरोध किया।


बार काउंसिल के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय सहित काउंसिल सदस्य अमरेंद्र नाथ सिंह, बलवंत सिंह, जानकी शरण पांडेय, देवेंद्र मिश्र नगरहा, अखिलेश कुमार अवस्थी, श्रीश कुमार मेहरोत्रा, परेश मिश्र, पीके सिंह, राकेश पाठक और विनोद कुमार पांडेय ने सदस्य सचिव से आंदोलन पर पुनर्विचार करने की मांग की। श्रीश कुमार मेहरोत्रा ने अविश्वास प्रस्ताव की बात की। सदस्य सचिव जय नारायण पांडेय ने रात नौ बजे वर्चुअल बैठक बुलाई।
इससे पहले बार के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने सभी सदस्यों से बार काउंसिल के मेल पर आंदोलन की रणनीति तथा आंदोलन जारी रखने के तरीके पर लिखित सुझाव मांगा। इसके बाद बैठक में निर्णय लिया गया।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ की अवध बार एसोसिएशन ने 11 सितंबर को हड़ताल जारी रखने का प्रस्ताव पारित किया था। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि बार काउंसिल के आह्वान पर हाईकोर्ट में भी हड़ताल रहेगी।
वकीलों पर लाठी चार्ज और बिना सदस्यों की सहमति के हड़ताल वापसी के विरोध में रविवार रात उप्र बार काउंसिल के सह अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता सम्मान और आंदोलन के समर्थन में मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूं। हापुड़ प्रकरण में आंदोलन चलना चाहिए क्यों कि अधिवक्ताओं के सम्मान से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

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