अधिशासी अधिकारी के आत्मा हत्या का रहस्य क्या है किसके दबाव में दी अपनी जान


जनपद बलिया के  शहर कोतवाली क्षेत्र में  आवास विकास कॉलोनी के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय ने पंखे के हुक में लटक कर आत्महत्या कर ली है । सूचना मिलने पर मौके पर पर पहुंची पुलिस ने शव नीचे उतरवाया और कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उधर मणि मंजरी के फेसबुक एकाउंट पर गौर करें तो वह इस पर ज्यादा एक्टिव नहीं थीं. लेकिन साथ ही पता चलता है कि उन्हें कविताएं लिखने का बेहद शौक था. वह अपनी कविताओं में लड़कियों को प्रेरणा देने की कोशिश करती थीं. अब सवाल उठ रहे हैं कि इतनी जुझारू महिला सुसाइड कैसे कर सकती है।
 दूसरी ओर  मणि मंजरी राय की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. पीसीएस (PCS) अफसर के सुसाइड की सूचना मिलने पर डीएम श्रीहरि प्रताप शाही, पुलिस अधीक्षक देवेंद्रनाथ, अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार, सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह, कोतवाल विपिन सिंह समेत अन्‍य उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, अधिशासी अधिकारी गाजीपुर जिले के थाना भांवर कोल की रहने वाली थीं. उन्होंने दो साल पूर्व मनियर नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था. अधिशासी अधिकारी के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है. उसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि वह दिल्ली, मुंबई से बचकर बलिया चली आईं, लेकिन यहां उन्हें रणनीति के तहत फंसाया गया है जिससे वह बेहद दुखी थी। .यहाँ सवाल यह उठता है कि वह कौन हो सकता है जिसने इस अधिकारी को सुसाइट करने पर मजबूर कर दिया है।  फिलहाल पुलिस इसी सुसाइड नोट और अधिशासी अधिकारी की कॉल डिटेल के जरिए आत्महत्या की वजह का पता लगाने में जुटी है। मणि मंजरी राय जिला मुख्यालय के आवास विकास कॉलोनी में किराये के मकान में रहती थीं और यहीं से मनियर आना-जाना था. आसपास के लोगों को किसी अनहोनी की आशंका हुई. उसके बाद किसी ने डायल 112 और पुलिस को इसकी सूचना दी. दरवाजा तोड़कर पुलिस पहुंची तो बेड के ऊपर ही फंदे पर मणि मंजरी राय की लाश लटक रही थी. पुलिस अधीक्षक ने तत्काल फॉरेंसिक टीम बुलाई. पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है।

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