कोरोना के नये वेरिएंट के कारण यूपी में वैक्सीन की किल्लत,कैसे व्यवस्था करेगी सरकार?


यूपी में कोरोना से बचाव के लिए अभी तक 17.69 करोड़ लोगों ने टीके की पहली, 16.88 करोड़ ने दूसरी और 4.48 करोड़ लोगों ने प्रीकाशन (सतर्कता) डोज लगवाई है। यानी अभी तक सिर्फ 30 प्रतिशत मरीजों ने ही सतर्कता डोज लगवाई है। अब चीन सहित कुछ देशों में कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 के तेजी से फैलने के बाद सतर्कता डोज लगवाने से छूटे हुए लोग अस्पतालों की ओर भाग रहे हैं। वहीं अचानक अस्पतालों में टीके की मांग बढ़ने के कारण वैक्सीन की किल्लत सामने आ रही है। लोग वापस लौट रहे हैं।
यूपी में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद बीते करीब ढाई महीने से टीका लगवाने वालों का ग्राफ गिरता गया। ऐसे में टीकाकरण केंद्रों की संख्या डेढ़ हजार से हटाकर साढ़े पांच सौ कर दी गई थी। बीते हफ्ते तक एक दिन में चार से पांच हजार लोग ही प्रतिदिन टीका लगवा रहे थे। अब इनकी संख्या में दोगुणे से अधिक की बढ़ोतरी हो गई है।
टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम होने के कारण एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लोग वैक्सीन लगवाने के लिए दौड़ रहे हैं। अभी प्रदेश में करीब ढाई लाख से अधिक वैक्सीन उपलब्ध है। वहीं अब 37 केंद्र और बढ़ाए गए हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. मनोज कुमार शुक्ला कहते हैं कि टीके की मांग बढ़ी है और उसे देखते हुए केंद्र से वैक्सीन की मांग की गई है। .
प्रदेश के कोविड अस्पताल इमरजेंसी में आ रहे मरीजों के लिए कितने तैयार हैं, इसकी जांच मंगलवार को माकड्रिल कर परखी जाएगी। सुबह 10 बजे से मेडिकल कालेजों व अस्पतालों में यह माकड्रिल शुरू की जाएगी। किसी कोरोना पाजिटिव व्यक्ति को उसके घर से एंबुलेंस से अस्पताल तक लाने, फिर उसके उपचार के लिए डाक्टरों द्वारा दिखाई गई तत्परता व उपलब्ध संसाधनों की जांच इसके माध्यम से की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह माकड्रिल पूरी तैयारी के साथ करें। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों की इमरजेंसी में आ रहे मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा हर कीमत पर दिलाई जाए। सभी कोविड अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट, आक्सीजन कंसंट्रेटर, सीटी स्कैन, एक्सरे व अन्य पैथोलाजी जांच, वेंटिलेटर की सुविधा और दवाओं की उपलब्धता का पता लगाने के लिए यह पूर्वाभ्यास किया जा रहा है।
मरीज के अस्पताल में पहुंचते ही उसका कितनी जल्दी उपचार शुरू किया गया, यह देखा जाएगा। मालूम हो कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कराया गया था। करीब 1.18 लाख बेड की व्यवस्था की गई थी। आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता भी है। ऐसे में आगे कोरोना के सब वैरिएंट बीएफ.7 से बचाव के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

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