बलिया गोली कान्ड मे सत्ता के दबाव में पुलिस ने मृतक भी बना दिया अभियुक्त

 


बलिया। रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में पिछले दिनों सरकारी सस्‍ते गल्‍ले की दुकान आवंटन में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने जेल भेजे गए धीरेंद्र सिंह के परिवारजनों की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज कर ली है। धीरेंद्र सिंह की भाभी ने दूसरे पक्ष के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज नहीं किए जाने पर एक दिन पहले ही कहा था कि वह परिवार की महिलाओं के साथ आत्‍मदाह कर सकती हैं।

दुर्जनपुर ग्राम में एसडीएम और सीओ पुलिस की मौजूदगी में हुई हिंसा मामले में आखिरकार वही हुआ जो बलिया बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था। हिंसक झड़प के बाद उन्‍होंने कहा था कि दूसरे पक्ष ने आत्‍मरक्षा में गोली चलाई है। उसके पक्ष के लोग भी घायल हैं। उनकी भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

इस मामले में दूसरे पक्ष के प्रार्थना पत्र पर शनिवार को 21 व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद व 30 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हो गया । हिंसा के दौरान मारे गए जय प्रकाश पाल को भी मुकदमे में आरोपी बनाया गया है।


रेवती थाना के प्रभारी प्रवीण सिंह ने बताया कि अपर सिविल जज , जूनियर डिवीजन , चतुर्थ न्यायालय अविनाश कुमार मिश्र द्वारा रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम की आशा प्रताप सिंह के कल प्रार्थना पत्र पर दिये गये आदेश के परिप्रेक्ष्य में आज रेवती थाना में भारतीय दंड विधान की बलवा , धारदार हथियार से संगठित होकर हमला , जान लेने की नीयत से हमला , गम्भीर रूप से घायल करना, पथराव, अपशब्द देना व जान से मारने की धमकी देना के आरोप की धारा के साथ ही क्रिमिनल ला एमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 में 21 व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद व 30 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है उन्होंने जानकारी दी कि मुकदमे के नामजद आरोपी में जय प्रकाश पाल का भी नाम है । जय प्रकाश पाल की गत 15 अक्टूबर को दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान हत्या हो गई थी । उन्होंने बताया कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है। मुकदमे की वादिनी आशा प्रताप सिंह जय प्रकाश पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह की भाभी हैं।


उल्लेखनीय है कि अपर सिविल जज अविनाश कुमार मिश्र ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 ( 3 ) के अंतर्गत आशा प्रताप सिंह द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए कल रेवती थानाध्यक्ष को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करने का आदेश दिया था । आशा प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि गत 15 अक्टूबर को दुर्जनपुर ग्राम के सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के लिये खुली बैठक हो रही थी।

उप जिलाधिकारी द्वारा बैठक निरस्त कर देने के बाद उनके पक्ष के सभी लोग अपने घर जा रहे थे कि पुरानी रंजिश को लेकर गोलबंद होकर लाठी डंडे , हाकी , लोहे की राड व नाजायज असलहा से लैस होकर जान लेने की नीयत से हमला कर दिया गया , जिसमें धीरेंद्र प्रताप सिंह सहित आठ लोग घायल हो गए ।


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