जानिए आखिर डॉक्टर ने खुद फांसी लगाकर जान क्यों दे दी


कोतवाली क्षेत्र के खड़हट्टी मोहाल निवासी प्रमुख समाजसेवी रामलाल अग्रवाल के छोटे पुत्र डॉ. गौरव अग्रवाल (45) की शुक्रवार की देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव घर में साड़ी के सहारे लटकता मिला। डॉ. गौरव मिर्जापुर के सरकारी चिकित्सालय में दंत रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनात हैं। 
जानकारी के अनुसार, डॉक्टर गौरव हर दिन की तरह शुक्रवार की देर शाम हॉस्पिटल से घर पहुंचे। आने के बाद घर के अंदर क्या हुआ किसी को पता नही चला। परिजनों ने देखा कि उनका कमरा अंदर से बंद है। परिजनों ने उनका दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया गया, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो परिजन परेशान हो गए। 
परिजन दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो अंदर का नजारा देख सन्न रह गए। डॉ. गौरव का शव पंखे के सहारे लटक रहा था। परिजन फंदे से उतारकर आनन-फानन में उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताते चले मृतक के बड़े भाई भी डॉक्टर हैं, जो मुंबई में प्रैक्टिस करते हैं। पिता नगर के एक संभ्रांत नागरिक व समाजसेवी हैं।
गोपीगंज नव युवक दल के संयोजक है। चिकित्सक की मौत की खबर से घर के साथ ही हॉस्पिटल में नागरिकों का जमावड़ा लग गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही घटना की तहकीकात के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाई गई है।

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