योग की प्राचीन परंपरा को आधुनिक जीवन के लिए उपयोगी – कुलपति
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में “विरासत से विकास: योग की भूमिका” विषयक परिचर्चा आयोजित
योग से संभव है मन की शांति – पंकज मिश्र
युवा पीढ़ी योग को अपने से जोड़े रखे- पवन कुमार
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को “विरासत से विकास: योग की भूमिका” विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विकास में योग की भूमिका पर गंभीर चर्चा की.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने योग की प्राचीन परंपरा को आधुनिक जीवन के लिए उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि मानव जाति तन, मन से स्वस्थ रहेगी तभी हम विकास कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि योग हमारी दैनिक दिनचर्या में शामिल रहेगा तभी हम जीवन का आनंद ले पाएंगे. स्वस्थ रहने का वरदान भारतीय परंपरा में पहले से था और आज योग को पूरा विश्व मान रहा है.
बतौर आमंत्रित वक्ता प्रयागराज के आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक ख्यातिलब्ध योगाचार्य पंकज मिश्र ने कहा कि मस्तिष्क में नए विचारों को जन्म लेने के लिए मन का शांत होना बहुत जरुरी है. आज के इस दौर में योग से ही मन की शांति संभव है. उन्होंने कहा कि मन का विश्राम नहीं हो पा रहा है. इस के पीछे मोबाइल और कंप्यूटर जैसे डिजिटल यंत्रों की भी बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति को ऊर्जावान बनाता है और सम्पूर्ण जीवनशैली पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. यह केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसी साधना है जिसे अब वैज्ञानिक प्रमाणिकता भी प्राप्त हो चुकी है.
बतौर वक्ता लोक दायित्व संस्था के संयोजक पवन कुमार सिंह ने कहा कि योग भारतीय ग्रामीण जीवन और लोक परंपराओं में गहराई से जुड़ा हुआ है. हम सबको इस बात का विशेष गर्व है कि हजारों साल पूर्व प्रारंभ हुई योग परंपरा का लाभ आज पूरा विश्व ले रहा है. इस प्रकार की परम्पराओं को युवा पीढ़ी को अपने से जोड़े रखना चाहिए.
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने कहा कि विरासत में हमें योग मिला है इसे जीवन से जोड़कर आगे ले जाना है. अतिथियों का स्वागत अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रमोद यादव ने किया.
कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. श्याम कन्हैया सिंह ने और धन्यवाद ज्ञापन नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया. कार्यक्रम में प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. राज कुमार सोनी, प्रो गिरिधर मिश्र, डॉ. राज बहादुर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. रसिकेश, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. शशिकांत यादव, उद्देश्य सिंह, प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. सतीश जैसल समेत अन्य उपस्थित रहे.
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