अस्थाई जेल बन्द, बन्दी पहुंचे जिला कारागार जेल में क्षमता से चार गुना अधिक बन्दीयों के चलते बढ़ी समस्या



जौनपुर । एक माह के अन्दर अस्थाई जेल से बन्दीयों को फरार होने की दो घटनाओं के बाद अब जिला प्रशासन ने अस्थाई जेल प्रसाद इन्टरनेशनल स्कूल पंचहटिया में ताला बंद कर दिया है। वहां के सभी बन्दीयों को जिला कारागार पहुंचा दिया गया है। जिला कारागार में क्षमता से अधिक बन्दी पहले से होने के कारण कोरोना संक्रमण का संकट बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है ।
यहाँ बतादे कि कोरोना संक्रमण काल के शुरुआत में तब्लीगी जमातियो को जेल में रखने की समस्या के कारण जिला प्रशासन ने प्रसाद इन्टरनेशनल स्कूल पंचहटिया को अस्थाई जेल के रूप में अधिग्रहित कर लिया वहां पर संक्रमण फैलाने के आरोपियों के साथ अन्य अपराधों के अभियुक्तों को भी बन्द किया जाने लगा था लेकिन सुरक्षा का शख्त इन्तजाम नहीं किया गया था। 
कमजोर सुरक्षा व्यवस्था के चलते विगत माह 18 जून को इस अस्थाई जेल से संगीन अपराधों के दो अपराधी एक हत्यारा दूसरा चोर अस्थाई जेल की खिड़की की जाली काट कर फरार हो गये थे। इसमें राजू चौहान ग्राम कटहरी थाना बदलापुर हत्या का अपराधी था तो मोनू गौतम शातिर चोर था यह थाना मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र स्थित ग्राम बिजाधरमऊ का निवासी था। लगभग  एक सप्ताह खासी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने फिर दोनों को गिरफ्तार कर जिला कारागार में निरूद्ध किया। इस घटना को एक माह पूरा नहीं हुआ कि 12 जुलाई की रात्रि को दूसरी घटना हो गयी । जिला तड़ीपार फारूक नट नामक अपराधी को बक्शा पुलिस ने गुन्डा एक्ट में गिरफ्तार कर 7 जुलाई को जेल भेजा तो इसे भी अस्थाई जेल में निरूद्ध किया गया। इसके बाद यह भी पांच दिन के अन्दर यहाँ की लचर सुरक्षा व्यवस्था का लाभ उठा कर अस्थाई जेल से फरार हो गया। 
इसको फरार होने पर सरकारी महकमे में खलबली मच गयी और जिला प्रशासन ने अस्थाई जेल प्रसाद इन्टरनेशनल स्कूल पंचहटिया को बन्द करने का निर्णय लेना पड़ा। घटना के दूसरे दिन 13 जुलाई को अस्थाई जेल में बन्द 166 बन्दीयों में से 11 बन्दीयों को रिहा कर दिया गया तथा 155 बन्दीयों को जिला कारागार में पहुंचा दिया गया है। जिला कारागार में बन्दीयों को रखने की क्षमता 320 की है लेकिन अब जेल में कुल बन्दीयों की संख्या 1374 पहुंच गयी है।ऐसे में यहाँ पर कोरोना संक्रमण से बचाव की सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है। 
प्रभारी जेल अधीक्षक राजकुमार का कहना है कि जेल में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगातार बन्दीयों को योगासन कराते हुए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है साथ ही चाय की जगह बन्दीयों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है। इस तरह कोरोना संक्रमण से बचाव के हर रास्ते अपनाये जा रहे हैं। साथ ही प्रतिदिन थर्मल स्क्रीनिंग एवं सेनेटाईजरिंग का काम किया जा रहा है अब पूरी जेल को प्रतिदिन सेनेटाईज करने की व्यवस्था की जा रही है।
व्यवस्था चाहे जितना किया जाये लेकिन 320 बन्दीयों की क्षमता वाली जेल में 1374 बन्दीयों को रखने में निश्चित रूप से एक बड़ी समस्या है। बन्दीयों को सोने से लेकर दैनिक क्रिया आदि में समस्या तो होगी। खबर है कि जेल के अन्दर बैरकों में रहने वाले बन्दी सोते समय करवटे नहीं बदल सकते है। लोग एक दूसरे पर हाथ पांव रख कर सोने को मजबूर हैं ऐसे में यहाँ पर शोसल डिस्टेन्सिंग का पालन प्रशासन कैसे करा सकेगा यह गम्भीर सवाल खड़ा है। इस तरह यहाँ की स्थिति से इतना तो तय है कि एक भी व्यक्ति संक्रमित हुआ तो पूरी जेल कोरोना की जद में हो सकती है ।     

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