बेटी ने ऐसा कृत्य किया कि परिवार ने उसे जिन्दा रहते कर दिया उसका श्राद्ध
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की है यहाँ पर एक ऐसा मामला सामने आया जिसने ये सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि हम कहा जा रहें हैं। भाई बहन का रिश्ता भी कलंकित हुआ। जिस मामा के भाई को बचपन में राखी बांधी, उसी से शादी कर ली। परिजनों ने दिल पर पत्थर रखा और अपनी बेटी से नाता खत्म करने के साथ-साथ उसको जिंदा रहते हुए ही श्राद्ध कर दिया।
दरअसल, मामला बागपत जिले के बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले का है, जहां एक जिंदा युवती का श्राद्ध कर किया गया है । युवती के स्वजनों ने अपनी बेटी को हमेशा के लिए मरा मानकर उसका श्राद्ध कर दिया। उसके चित्र पर पुष्प भी अर्पित किए। बताया गया है कि कुछ दिन पहले ही उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी लेकिन जब इसकी सच्चाई सामने आई तो सभी के होश उड़ गए। परिजनों को पता चला कि जिस बेटी को वे तलाश रहे हैं, उसने प्रेम-प्रसंग के कारण अपने ही ममेरे भाई के साथ भाग कर शादी कर ली, तो वे सन्न रह गए।
युवती की मां ने जब अपने भाई यानी आरोपित युवक के पिता से बात की तो वह भी इस मामले में कोई दखल देने को तैयार नहीं हुए। जिसके बाद युवती की मां, भाई आदि स्वजनों ने उसे हमेशा के लिए मरा मान लिया और बुधवार को बेटी का घर पर श्राद्ध मनाया गया।
बहन -भाई के रिश्ते को कलंकित करने वाली बेटी को स्वजनों ने मरा हुआ मान लिया। श्राद्ध में शामिल हुए मोहल्ले के कई लोगों को शामिल किया गया । उसके चित्र पर फूलमाला चढ़ाते हुए पुष्प अर्पित किए गए।
युवती की मां ने व्यथित होकर बताया कि उसे अपने भतीजे से यह उम्मीद नहीं थी कि वह अपनी बहन के साथ ही विवाह कर लेगा। उसने जब अपने भाई से इस बाबत बातचीत की तो उसने भी दखल देने से इंकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि बड़ौत क्षेत्र के आजाद नगर मोहल्ले की रहने वाली अंशु (20 वर्षीय ) ने 29 सितंबर को अपने ममेरे भाई मोनू निवासी शामली (27 वर्षीय) के साथ प्रेम प्रसंग के चलते घर से चली गयी थी और उन्होंने 30 तारीख को कोर्ट में जाकर शादी करली । लड़की के परिजनों ने आज अपने आवास पर 2 मिंट का मौन रखते हुए लड़की के चित्र पर पुष्प अर्पित किए । परिजनों का कहना है कि ऐसे मामले को लोग अक्सर दबा देते है समाज से छुपाने का काम करते है लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया और समाज को लोगो को जागरूक करने के लिए ये बात सबके सामने बता दी और अपनी बेटी का उसके जीवित होते हुए भी उसे मरा मानकर श्राद्ध कर दिया
Sahi kiya hai
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