राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा शासनदेशों को धता बताकर शिक्षकों का किया जा रहा है शोषण

 





काशी विद्यापीठ के कुलपति को शासनादेशों के अनुसार शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के लिए शिक्षक संघ ने दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम


 जौनपुर। अनुदानित महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय अनुमोदित शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय प्रताप तिवारी ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर टी.एन. सिंह को शिक्षक समस्याओं के निस्तारण हेतु 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है । काशी विद्यापीठ वाराणसी में चल रहे स्व वित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संविदा शिक्षक अपने वेतन और सेवा विस्तारीकरण की मांग को लेकर 2 नवंबर से विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर बैठे हैं। शिक्षक संघ ने यह निर्णय लिया है कि यदि 72 घंटे के अंदर कुलपति द्वारा शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण कर वेतन भुगतान व संविदा विस्तारीकरण पाठ्यक्रम के चलते रहने तक नहीं किया गया तो प्रदेश भर के शिक्षक "डेरा डालो- घेरा डालो" कार्यक्रम के तहत काशी विद्यापीठ कूच करेंगे। डॉ विजय प्रताप तिवारी ने बताया कि काशी विद्यापीठ वाराणसी में परिसर में चल रहे स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत सैकड़ों संविदा शिक्षकों का शासनादेश के अनुरूप पाठ्यक्रम के चलते रहने तक संविदा विस्तारीकरण होना था।किंतु कुलपति शासनादेश को धता बताते हुए शिक्षकों का पिछले 4 माह से वेतन रोककर विज्ञापन निकालकर नई भर्ती करने की योजना बना रहे हैं।

माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 13 मार्च 2020 को शासनादेश जारी करते हुए स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत विश्वविद्यालय परिसर, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों व सभी स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षकों की 5 साल की संविदा हटाकर पाठ्यक्रम के चलते रहने तक सेवाओं का विस्तार कर दिया गया। राज्य विश्वविद्यालयों ने माननीय उच्च न्यायालय व शासन के दबाव में शासनादेश को विश्वविद्यालय के परिनियमावली में भी सम्मिलित कर लिया है, बावजूद इसके संविदा नवीनीकरण के नाम पर राज्य विश्वविद्यालयों में चलने वाली दुकान, प्रबंधकों से अवैध वसूली तथा शिक्षकों के शोषण को जारी रखने की नियत से कुछ राज्य विश्वविद्यालय  हर 5 साल पर संविदा विस्तारीकरण और जब मन करे तब शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त कर विज्ञापन निकालकर नई भर्ती का गोरखधंधा अभी भी चला रहे हैं। जिसकी शिकायत शिक्षक संघ द्वारा कुलाधिपति महोदया को भी की गई है। केंद्र सरकार का निर्देश है कि कोविड-19 के दौरान किसी का वेतन न रोका जाए ।बावजूद इसके काशी विद्यापीठ के कुलपति तानाशाही व हठधर्मिता दिखाते हुए शिक्षकों का 4 महीने से वेतन रोक रखा है।

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