14 जनवरी 21से जिला पंचायतें हो जायेगी जिलाधिकारी के अधीन,जाने अब कैसे होगा अध्यक्ष का चुनाव

प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव को लेकर आयोग अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बीच अपना कार्यकाल पूरा कर चुके प्रदेश के सभी जिला पंचायत अध्यक्षों का भी काम आज रात से खत्म हो रहा है। रात बारह बजे तारीख बदलते ही इनका पद खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही इन जिला पंचायतों में जिलाधिकारी प्रशासक बन जाएंगे।

इन दिनों निर्वाचन आयोग आरक्षण को लेकर अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। पंचायत चुनाव के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) में आरक्षण के लिए तैयार प्रस्तावित फार्मूले के मुताबिक, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों तथा जिला पंचायतों में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र, यानी वार्डों की गणना पहले से तय फार्मूले के अनुसार जिलाधिकारी के स्तर से की जाएगी। जिला पंचायतों में आगामी सामान्य निर्वाचन के आरक्षण में रोटेशन प्रणाली लागू की जाएगी। 73वें संविधान संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुने हुए सदस्यों के द्वारा चुने जाएंगे। इसलिए केन्द्र सरकार को इस 73वें संविधान संशोधन में दूसरा संशोधन करना होगा।

प्रदेश सरकार ने राज्य के आगामी त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष यानि ब्लाक प्रमुख के चुनाव भी ग्राम प्रधान की ही तरह सीधे जनता से करवाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। केन्द्रीय पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन करने को केन्द्र को भेजे गये प्रस्ताव पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो सका।


बताते चलें कि जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत के सीधे जनता से चुने गये सदस्यों के द्वारा ही चुने जाते हैं। ऐसे में सदस्यों की खरीद फरोख्त से यह चुनाव होते हैं, जिसमें धनबल, बाहुबल का खूब इस्तेमाल होता है। इसके बाद समय-समय पर सदस्यों की गुटबाजी व सियासी चालों की वजह से जिपं अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाते हैं । कहा जा रहा है कि 15 मार्च से 30 मार्च के बीच पंचायत करा जाएगें। चुनाव परिणाम आने के 21-21 दिन बाद जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का नोटिफिकेशन आ जाएगा। पंचायतीराज विभाग में चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। मई तक त्रिस्तरीय पंचायत के सभी चुनाव करा लिए जाएंगे।


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