पूर्वांचल में सपा और ओवैसी के बीच मुस्लिम मतदाताओं को लेकर गर्मायी सियासत



जौनपुर। पूर्वांचल में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के दौरे से सियासी माहौल गरमाने लगा है। मंगलवार को वाराणसी पहुंचे ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुझे 12 बार पूर्वांचल आने से रोका था। इस कारण मैं चाहकर भी पूर्वांचल का दौरा नहीं कर सका।

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सपा के गढ़ जनपद जौनपुर  में ओवैसी के आगमन को भाजपा का खेल बताया और कहा कि चुनाव के एक साल पहले भाजपा ने ओवैसी को यहां भेजा है । सियासी जानकारों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तरह ओवैसी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर है और वे इस वोट बैंक को साधने के लिए ही पूर्वांचल पहुंचे हैं।

पूर्वांचल के दौरे पर पहुंचे ओवैसी ने कहा कि सुभासपा से गठबंधन के बाद मैं ओमप्रकाश राजभर से दोस्ती निभाने आया हूं। ओवैसी ने आजमगढ़ में कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा बनने के बाद सपा की जमीन खिसक चुकी है। सपा के गढ़ में चुनावी बिगुल फूंकते हुए ओवैसी ने विपक्ष पर हमला करते हुए अपने इरादे जाहिर कर दिए। इस बात के साफ संकेत हैं कि बिहार की तर्ज पर ही ओवैसी भाजपा की बजाय सपा और बसपा पर ज्यादा निशाना साधेंगे। एआईएमआईएम और सुभासपा के गठबंधन के बाद पूर्वांचल की धरती पर सियासी सरगर्मी काफी तेज हो गई है।

ओवैसी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान मुझे 12 बार पूर्वांचल का दौरा करने से रोका गया। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ दंगों के बाद वे 2016 में ही आजमगढ़ आना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने उन्हें आने नहीं दिया।

पूर्वांचल में ओवैसी के पहली बार आने के बाद सियासी दलों में हलचल की स्थिति दिख रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि ओवैसी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर टिकी है। अभी तक मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा हिस्सा सपा के साथ माना जाता रहा है मगर ओवैसी की एंट्री से सपा को झटका लगने की संभावना जताई जा रही है।

ओवैसी के पूर्वांचल दौरे का पंचायत चुनाव पर भी असर पड़ना तय माना जा रहा है। मंगलवार को ओवैसी और राजभर के दौरे के साथ ही सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी जौनपुर का दौरा किया। दोनों नेताओं के पूर्वांचल के सियासी दौरे से विधानसभा चुनाव की तैयारी साफ तौर पर छलक रही है।

सपा पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि सपा के नेता खुद को भाजपा का विकल्प बताते हैं मगर अगर इस दावे में सच्चाई होती तो लोकसभा चुनाव में सपा की इतनी बुरी हार नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में हम पढ़े-लिखे नौजवानों को रोजगार और बिजली विधेयक जैसे जनसरोकार के मुद्दों के सहारे मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तो हमने उत्तर प्रदेश में सिर्फ शुरुआत की है। आगामी दिनों में हम उत्तर प्रदेश के कोने-कोने का दौरा करेंगे।
हलांकि राजनैतिक पंडितों का मानना है कि पूर्वांचल में ओवैसी की एन्ट्री से भाजपा को लाभ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जबकि सपा के मुस्लिम नेता ओवैसी के खिलाफ बयान बाजी करते हुए मुसलमानों को सावधान करने के प्रयास में जुट गये हैं। 

Comments

Popular posts from this blog

बाहुबली नेता धनंजय सिंह की जमानत याचिका में स्थगन के मुद्दे पर न्यायाधीश की तल्ख टिप्पणी पर जानें क्या निकाले जा रहे है मायने

स्कूल जाते समय तेज धूप के कारण गश खाकर गिरी कक्षा तीन की छात्रा उपचार के दौरान हो गई मौत

जानिए जेल से कब तक बाहर आ सकते है पूर्व सांसद धनंजय सिंह और क्या होगा उनका राजनैतिक भविष्य