गाजीपुर बार्डर पर आन्दोलनरत उत्तर प्रदेश के किसान की मौत से मच गया हड़कंप



केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आन्दोलन का आज 37वां दिन है। किसान और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच सातवें दौर की बातचीत में कोई ठोस समाधान तो नहीं निकला लेकिन दो मुद्दों पर बात जरूर बन गई। अब 4 जनवरी को एक बार फिर से बाकी बचे मुद्दों को लेकर किसानों की सरकार के साथ बातचीत होगी। ये आठवें दौर की बातचीत होगी।

किसानों के मन में भी आस जगी है, लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। उनका आन्दोलन जारी है। वे कृषि कानूनों के खिलाफ आज के दिन भी सड़कों पर बैठे हुए हैं और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। वही दूसरी ओर गाजीपुर बॉर्डर पर तबीयत खराब होने की वजह से एक किसान की मौत हो गई। किसान का नाम गलतान सिंह तोमर बताया जा रहा है। गलतान सिंह तोमर बागपत जिले के मोजिदबाद गांव के रहने वाले थे। उनकी उम्र 65 से 70 के बीच थी। शुरुआती जांच के मुताबिक ठंड के चलते उनकी मौत हुई है। वह पहले दिन से ही आंदोलन से जुड़े हुए थे।

किसानों की केंद्र सरकार के साथ 4 जनवरी बैठक प्रस्तावित है। उस बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होगी।
उसको लेकर आज 80 किसान संगठनों के नेता आगे की रणनीति को लेकर मंथन कर रहे हैं। इस बैठक में आंदोलन की आगे की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि आगे होने वाली बैठक में बाकी बचे मुद्दों पर शायद बात बन जाये और किसान अपना आन्दोलन खत्म कर अपने घर वापस लौट जाये।


कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसान टस से मस होने का नाम नहीं ले रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा का कहना है कि तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा। किसानों के प्रदर्शन के कारण चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। इन दोनों रास्ते से दिल्ली से नोएडा और गाजियाबाद की ओर लोग आते-जाते हैं।फिलहाल, हाइवे पूरी तरह से बंद है और लोगों से डीएनडी रूट लेने को बोला जा रहा है।

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