कुश्ती महासंघ अध्यक्ष और पदक विजेता पहलवानो बीच चल रही जंग को लेकर फिर शुरू हो गया धरना प्रदर्शन


भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण सिंह से विवाद पर पहलवानों का जंतर-मंतर पर पुन: धरना प्रदर्शन जारी हो  गया है। दूसरी बार विरोध प्रदर्शन में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक धरने पर बैठे हुए हैं। इन पहलवानों ने कहा है कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ जांच समिति की रिपोर्ट आने तक धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
मीडिया से बात करने के दौरान भारत को पदक दिलाने वाले एथलीट्स के आंसू भी छलके। साक्षी और विनेश रो पड़ीं। इन्होंने कहा कि पहलवानों को अब झूठा कहा जा रहा, जबकि वह सच की लड़ाई लड़ रही हैं। कोई फैसला न आने तक पहलवान फिर से धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। पहलवानों ने कहा कि WFI शक्तिशाली है तो क्या उन्हें न्याय नहीं मिलेगा?
पहलवानों ने कहा कि हम मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं, यह महिला एथलीटों के सम्मान के बारे में है। हमें खेल मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, तीन महीने बीत चुके हैं। पहलवानों ने कहा कि एक नाबालिग समेत सात लड़कियों ने यौन उत्पीड़न के संबंध में बृजभूषण सिंह के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दी, लेकिन अभी तक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। पॉक्सो का मामला होना चाहिए। हम करीब ढाई महीने से इंतजार कर रहे हैं।
पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वालीं साक्षी ने मीडिया से बात करते हुए कहा- ढाई महीने हो गए हैं इंतजार करते करते, रिपोर्ट सब्मिट हुई है या नहीं हमें नहीं पता। हमारे सामने अब तक कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है। अब रिपोर्ट सबके सामने आनी चाहिए। लोग हमें झूठा बता रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि हमारा प्रदर्शन झूठा था। यह हमें बर्दाश्त नहीं। इस मामले में दो दिन भी लगने नहीं चाहिए थे। एक लड़की नाबालिग है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। हमारी शिकायत झूठी नहीं है। सच्चाई की लड़ाई लड़ी है और हम जरूर जीतेंगे। हम प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं कि वे हमारी मांगों को सुनें। हमने जो-जो शिकायतें की हैं उस पर कार्रवाई होना चाहिए। मैंने, विनेश ने और बजरंग ने हाल ही में पदक जीते हैं। हम झूठ के लिए यहां क्यों आएंगे। हम कुश्ती के लिए आए हैं।
बजरंग और विनेश फोगाट ने क्या कहा?
वहीं, बजरंग ने कहा- हमने शिकायत की थी। उस समय यह कहा जा रहा था कि हमने एफआईआर नहीं की है। अब एफआईआर हो चुकी है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। विनेश फोगाट ने कहा- यह महिला खिलाड़ियों की सम्मान की बात है। हम ओलंपिक में पदक लाते हैं, लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता। अगर हमारे साथ ऐसा हो रहा है तो आम लड़कियों के साथ क्या होगा। हम जिनके खिलाफ लड़ रहे हैं वो लोग काफी बड़े हैं। उनकी राजनीतिक पहुंच है।
विनेश ने कहा- हम ढाई महीने से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमें अब तक न्याय नहीं मिला है, इसलिए हम फिर से विरोध कर रहे हैं। खेल मंत्रालय में भी कोई भी नहीं सुन रहा। हमें इस बात का भरोसा था कि हमारी सुनी जाएगी। हमें अभी भी भरोसा है कि न्याय मिलेगा। हमें यह भी भरोसा है कि सरकार सुनेगी। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। हम आभारी हैं कि दिल्ली महिला आयोग (DCW) हमारा समर्थन कर रहा है।
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने आज ही सुबह कहा था कि कुछ पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ अपने विवाद में कानूनी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे। 
जनवरी में भी हुआ था विरोध प्रदर्शन
बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, रवि दहिया और साक्षी मलिक समेत शीर्ष भारतीय पहलवानों ने इस साल जनवरी में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें बृजभूषण को हटाने और डब्ल्यूएफआई को भंग करने की मांग की गई थी। उन्होंने निकाय और उसके प्रमुखों पर पहलवानों के यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था।
पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 जनवरी को भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने जांच कमेटी बनाई थी। इसकी अध्यक्ष मैरी कॉम बनी थीं। इस समिति में सात सदस्य हैं, जिनमें मैरी कॉम के अलावा तीरंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, पूर्व कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त, भारतीय वेटलिफ्टिंग महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और दो वकील शामिल थे।
इसके बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और उसके प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह और अन्य कोचों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक 'निगरानी समिति' के गठन की घोषणा की। समिति को मंत्रालय को इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य दिया गया था।
ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम ही निगरानी समिति का नेतृत्व कर रही हैं। पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व शटलर तृप्ति मुर्गुंडे, SAI सदस्य राधिका श्रीमन, टारगेट ओलंपिक पोडियम प्लान के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन, और CWG स्वर्ण पदक विजेता बबीता फोगाट मैरी कॉम की अगुआई वाली समिति के अन्य सदस्य हैं।
इसी महीने अप्रैल में बजरंग पूनिया ने कहा था कि मामले की जांच के लिए नियुक्त निगरानी समिति की रिपोर्ट और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रमुख भारतीय पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के विरोध में पहलवान अदालत जाएंगे।
बजरंग ने कहा था, "मैंने एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें समिति के सदस्यों में से एक ने कहा कि उनके हस्ताक्षर के बिना खेल मंत्रालय को रिपोर्ट का समर्थन किया गया है। सदस्य ने रिपोर्ट के साथ अपनी असहमति भी व्यक्त की। यदि समिति का कोई सदस्य रिपोर्ट प्रस्तुत करने में शामिल नहीं है और रिपोर्ट से असहमत है, तो हम उस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं?"
बजरंग ने कहा था- हमें यह भी नहीं बताया गया कि मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी गई है। लोगों को फैसला करना है कि कौन सही है और कौन गलत। पहलवान ने कहा कि वे (पहलवान) एक बार फिर से विरोध करना शुरू कर देंगे और जल्द से जल्द उच्च न्यायालय भी जाएंगे।

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