मणिपुर जातिय हिंसा में फंसे जौनपुर के नौ छात्रो सहित यूपी के 142 छात्र सकुशल पहुंचे अपने घर

 

जौनपुर। मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद वहां का माहौल तनावपूर्ण है। वहां  फंसे अलग-अलग राज्यों के सैकड़ों छात्रों का रेस्क्यू किया जा रहा है। मणिपुर से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाने की राज्य सरकार की कोशिश जारी है। यूपी  सरकार शुक्रवार तक मणिपुर से 142 छात्रों को वापस लाने में सफल रही है। इनमें से नौ जौनपुर के रहने वाले हैं।
राहत आयुक्त कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, मणिपुर स्थित अलग-अलग संस्थानों में उत्तर प्रदेश के 158 छात्रों के फंसे होने की सूचना मिली। इनमें लखनऊ के 17, प्रयागराज के 13, कानपुर के 12 और जौनपुर के नौ छात्र समेत अन्य जनपदों के 107 छात्र शामिल थे।
मिली खबर के अनुसार 62 छात्रों की वापसी मंगलवार, 36 की बुधवार, 32  की गुरुवार और शुक्रवार को 12 छात्र प्रदेश वापस आए हैं। इन सभी 142 छात्रों के शुक्रवार तक सकुशल उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचा दिया गया। शेष 16 छात्रों में से 11 ने मणिपुर से वापस आने की व्यवस्था खुद की। पांच छात्र मणिपुर से आने के इच्छुक नहीं हैं। 
हिंसा के बाद से एनआईटी इंफाल में बीटेक करने वाले छात्रों को एहतियातन वहां हॉस्टल में रखा गया था। इसमें अहरौरा निवासी शाहिद अंसारी, जौनपुर निवासी रणविजय सिंह सहित कई छात्र हॉस्टल में रुके थे। बातचीत में शाहिद ने बताया कि मणिपुर से पहले हम फ्लाइट से कोलकाता और फिर कोलकाता से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे।
इसके बाद हम सभी को बस से हमारे घर के लिए रवाना किया गया। शाहिद ने बताया कि जब भी इस घटना के बारे में सोचते हैं तो दिल सहम जाता है। उसने सुरक्षित घर वापसी के लिए सरकार के प्रति आभार जताया। इधर परिवार को भी जैसे ही छात्रों के घर आने की सूचना मिली, वे खुशी से झूम उठे।

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