भामाशाह जैसे नायक युगों-युगों तक प्रेरणा देते रहेंगे” : दिनेश टंडन
दानवीर भामाशाह की जयंती पर व्यापारी संगोष्ठी — देशभक्ति व समर्पण की मिसाल से मिली प्रेरणा
जौनपुर। दान, त्याग और राष्ट्रसेवा के महान प्रतीक दानवीर भामाशाह की जयंती पर उद्योग व्यापार मंडल, जौनपुर द्वारा एक संगोष्ठी का भव्य आयोजन सुतहट्टी बाजार स्थित जिला कार्यालय पर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल के जिलाध्यक्ष दिनेश टंडन ने की, जिन्होंने उपस्थित व्यापारियों को भामाशाह के देशप्रेम, त्याग और समर्पण से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
अपने उद्बोधन में श्री टंडन ने कहा,
“भामाशाह भारतीय व्यापारियों के लिए आदर्श हैं। उन्होंने न केवल अपना समस्त धन राष्ट्रसेवा में समर्पित किया, बल्कि मेवाड़ की अस्मिता बचाने में भी अहम भूमिका निभाई। आज का व्यापारी समाज यदि उनके पदचिह्नों पर चले, तो देश को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा योगदान दे सकता है।”
व्यापारी कल्याण दिवस के रूप में ऐतिहासिक मान्यता
इस मौके पर नगर अध्यक्ष राधेरमण जायसवाल और प्रदेश उपाध्यक्ष सोमेश्वर केसरवानी ने संयुक्त रूप से सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि
“उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जून को ‘व्यापारी कल्याण दिवस’ घोषित करना, हर व्यापारी के योगदान को सम्मान देने वाला निर्णय है। यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है।”
दोनों नेताओं ने भामाशाह के ऐतिहासिक योगदान का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने महाराणा प्रताप को इतना दान दिया था कि 25,000 सैनिकों के 12 वर्षों तक के व्यय की पूर्ति हो सके।
व्यापारियों की एकजुटता से बनेगा नया भारत
प्रदेश मंत्री महेन्द्र सोनकर और युवा प्रदेश कोषाध्यक्ष संतोष अग्रहरि ने अपने वक्तव्य में व्यापारियों की सामाजिक जिम्मेदारियों पर बल देते हुए कहा कि
“हमें भामाशाह जैसे महापुरुषों से सीख लेकर व्यापार के साथ-साथ राष्ट्रहित में भी योगदान देना चाहिए। जिस तरह भामाशाह को दानवीर कर्ण की उपाधि दी जाती है, उसी प्रकार हर व्यापारी को समाज के उत्थान के लिए तत्पर रहना चाहिए।”
व्यापक भागीदारी, भावनाओं से ओतप्रोत वातावरण
कार्यक्रम का संचालन नगर महामंत्री मनोज साहू ने किया और अंत में नगर अध्यक्ष राधेरमण जायसवाल ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस संगोष्ठी में व्यापारी समुदाय की सशक्त भागीदारी देखने को मिली। उपस्थित प्रमुख लोगों में शामिल रहे —
जिला महामंत्री रामकुमार साहू, नगर महामंत्री मुन्ना लाल अग्रहरि, कोषाध्यक्ष अनिल वर्मा, संतोष साहू, मधुसूदन बैंकर, विजय अग्रहरी, शाहिद मंसूरी, गुलज़ारी लाल गुप्ता, हफिज शाह, आशीष गुप्ता, डी.के. अग्रहरि, अभिषेक सेठ, आशीष कुमार, विजयराज यादव, ज्ञानेंद्र साहू, अरविंद जायसवाल समेत तमाम व्यापारीगण उपस्थित रहे।
संगोष्ठी न केवल एक सामूहिक श्रद्धांजलि थी, बल्कि भामाशाह के जीवन मूल्यों को आत्मसात कर व्यापारी समाज को सामाजिक बदलाव और राष्ट्र निर्माण की दिशा में संकल्पित करने का आह्वान भी। भामाशाह जयंती पर आयोजित यह संगोष्ठी एक बार फिर यह सिद्ध कर गई कि व्यापारी वर्ग न केवल अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है, बल्कि देशभक्ति का भी जीवंत प्रतीक है।
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