मल्हनी उपचुनावःजंग योगी बनाम अखिलेश होता जा रहा है जाने किसके सर होगा सेहरा



जौनपुर। मल्हनी विधानसभा के उप चुनाव जीतने के लिये अब सभी राजनैतिक दल प्रचार प्रसार की गति को तेज करते हुए मुद्दों से हट कर जातीय समीकरण बैठाने की जुगत में लगें हुए हैं। अभी तक तो जब से मल्हनी विधानसभा बनी थी तब से लगातार स्व पारस नाथ यादव को अपना जन प्रतिनिधि चुनती रही है। उनके निधनोपरान्त अब यहाँ पर उप चुनाव होने जा रहा है। हलांकि इस सीट के जीत हार से वर्तमान सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
इसके बाद भी मल्हनी का उप चुनाव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बनाम  भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ होता जा रहा है। 
हलांकि मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है  लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय दल आज तक अपना पत्ता नहीं खोले हैं। कौन चुनावी जंग में उतरेगा इस पर गहन मंथन किया जा रहा है।
जबकि वोटरों को लुभाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वयं लगातार मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल मिटिंग करते नजर आ रहे हैं तो सपा के अखिलेश यादव भी अपने पार्टी के जिम्मेदार लोगों की पेंच कसने में लगे हुए है। हलांकि सपा ने स्व पारस नाथ यादव के पुत्र युवा नेता लकी यादव को बतौर प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिया है। बसपा भी जेपी दूबे को ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए चुनाव मैदान खड़ा किया है लेकिन इसका लाभ सायद उसे मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है। 
निर्दल प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद धनन्जय सिंह चुनावी मैदान में उतरते हुए साम दाम दंड भेद अपनाने मे लगे हुए हैं। लेकिन मल्हनी विधानसभा बनने के बाद अब तक इन्हें क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का अवसर यहाँ के मतदाताओं ने नहीं दिया है जब लगातार चुनाव फेस करते चले आ रहे है। इसका कारण जो भी हो लेकिन इतना तो संकेत मिलता है कि जनता इन्हें कितना पसंद करती है। 
यहाँ बतादे कि निर्दल प्रत्याशी धनन्जय सिंह अपने प्रचार अभियान में अपने पत्नी सहित परिजनों और अपने व्यक्तिगत कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत से लगाया है तो सपा के जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव ने अपने पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिलाने के लिए सभी जातियों के बड़े नेताओं को मल्हनी मे उतार दिया है 
इसी क्रम में पूर्व विधायक गुलाब चन्द सरोज लगातार सरोज लोगों के बीच पहुंच कर सपा के पक्ष वोट करने की अपील कर रहे हैं। इसी के तहत सपा के सभी फ्रन्टल संगठनों के पदाधिकारी गण अपनी जातियों के बीच डेरा डाले हुए हैं। 

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