कांग्रेस और गांधी परिवार को बड़ा झटका दिग्गज नेता अहमद पटेल को लील गया करोना


कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल का आज बुधवार को प्रातः काल  भोर में  निधन हो गया। अहमद पटेल गत अक्टूबर में कोरोना से संक्रमित हो गए थे और उसके बाद उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और आखिरकार वे मल्टी ऑर्गन फेल्योर के शिकार हो गए। अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने अपने ट्वीट में पिता के निधन की जानकारी दी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और आठ बार के सांसद अहमद पटेल के निधन को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 71 वर्षीय अहमद पटेल को गांधी परिवार का काफी करीबी भी माना जाता था। अहमद पटेल के बेटे फैसल ने अपने ट्वीट में लिखा, बड़े दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि मेरे पिता अहमद पटेल का आज तड़के निधन हो गया।
फैसल के मुताबिक करीब एक महीना पहले कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कई अंगों के काम बंद कर देने के कारण उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया। मल्टी ऑर्गन फ्ल्योर के कारण बुधवार की सुबह साढ़े तीन बजे उनका निधन हो गया। फैसल ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने और भीड़भाड़ से बचने की भी अपील की है।
अहमद पटेल गत एक अक्टूबर को कोरोना से संक्रमित हुए थे और तब उन्होंने हर किसी को ट्वीट के जरिए खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। उन्होंने अपने संपर्क में आने वाले लोगों से खुद को आइसोलेट करने की भी अपील की थी। इसके बाद से लगातार उनका इलाज चल रहा था मगर उनकी हालत में ज्यादा सुधार नहीं हो सका।
अहमद पटेल के निधन को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उनकी गिनती कांग्रेस के विश्वसनीय नेताओं में की जाती थी। उन्हें गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता था और महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमेशा उनकी सलाह लिया करते थे। उन्हें सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता था और इसी के दम पर वे आठ बार संसद के सदस्य रहे। अहमद पटेल ने तीन बार लोकसभा का चुनाव जीता जबकि पांच बार वे राज्यसभा के सांसद रहे।
अहमद पटेल ने अपने सियासी जीवन की शुरुआत 1976 में की थी जब उन्होंने गुजरात के भरूच जिले में स्थानीय निकाय चुनाव जीता था। बाद के दिनों में उन्होंने गुजरात और केंद्र दोनों में कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काफी काम किया। पिछली बार राज्यसभा चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त घेराबंदी के बावजूद अहमद पटेल चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। हालांकि उनके चुनाव को लेकर विवाद भी पैदा हुआ था मगर पटेल ने चुनाव जीतकर अपने सियासी कौशल का एक बार फिर परिचय दिया था। यही कारण था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी महत्वपूर्ण सियासी मुद्दों पर हमेशा उनकी सलाह लेते रहे।
कांग्रेस में खींचतान के दौर में भी अहमद पटेल चट्टान की तरह हमेशा गांधी परिवार के साथ ही खड़े रहे। यही कारण था कि गांधी परिवार भी उन पर काफी भरोसा करता था। गुजरात में कांग्रेस को मजबूत बनाने में भी अहमद पटेल की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है। उनके निधन पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शोक जताया है। उन्होंने कहा कि मृदुभाषी अहमद पटेल व्यवहार कुशल व्यक्ति थे और हमेशा मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी। कांग्रेस को मजबूत बनाने में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। कांग्रेस और विभिन्न दलों से जुड़े कई अन्य बड़े नेताओं ने भी वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर गहरा शोक जताया है।

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