क्या गोरखपुर का विकास पूर्वांचल का विकास होगा? जाने योगी सरकार की योजना


प्रदेश की योगी सरकार पूर्वांचल के विकास के नाम पर अपने गृह जनपद गोरखपुर के विकास का ताना बाना बुनने में जुटे हुए हैं। इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। पिछले साढ़े तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने इस क्षेत्र के लिए कई योजनाओं की सौगात दी है। मुख्यमंत्री की इसी सोच के आधार पर अब पूर्वांचल के 28 जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का फैसला हुआ है। यह रोडमैप गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में “पूर्वांचल का सतत विकास” “पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक नई पहल” को लेकर 10 दिसंबर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के दौरान तैयार किया जाएगा।


इसे “स्वस्थ्य पूर्वांचल” के रूप में सरकार का नया एजेंडा भी कहा जा सकता है। “पूर्वांचल का सतत विकास” तथा “पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक नई पहल” को लेकर 10 से 12 दिसंबर को होने वाले इस राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं  करेंगे। और समापन सत्र में केंद्रीय आयुष मंत्री स्वतन्त्र प्रभार श्रीपद यशो नाइक की विशिष्ट अतिथि के मौजूदगी होगी। यह समूचा आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्वांचल को विकास के हर पैमाने पर अव्वल लाने की सोच  है।

सूबे के पूर्वांचल क्षेत्र की आबादी छह करोड़ से अधिक है। अब जब वह सूबे के मुख्यमंत्री हैं तो वह चाहते हैं कि पूर्वांचल में कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, पर्यटन और अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करने को लेकर देश तथा विदेश के नामी विशेषज्ञ अलग-अलग रोडमैप तैयार करें। जिन्हें पूर्वांचल के विकास के लिए सरकार लागू करे।


इसके लिए चिकित्सा सेक्टर में ऐसे क्या कदम उठाये जाए। जिनके चलते पूर्वांचल के 28 जिलों में लोगों को हर बीमारी का सस्ते में आधुनिक इलाज पास में मिल सके। उन्हें मुंबई, दिल्ली या अन्य महानगरों के अस्पतालों में समय और संसाधन खर्च कर इलाज के लिए ना जाना पड़े। इसके लिए अब गोरखपुर एम्स की देखरेख में 10 से 12 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के दौरान देश के सभी एम्स और यूपी के सभी मेडिकल कालेजों के विख्यात डाक्टरों से विचार-विमर्श करेंगे और उसके आधार पर एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।

इसके साथ ही गोरखपुर एम्स की देखरेख में यूपी के सभी मेडिकल कालेजों को जोड़कर एक नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इस नेटवर्क में हर बीमारी और इलाज के सूचनांक दर्ज किये जाएंगे, ताकि गांव और कस्बों के अस्पतालों में भी लोगों का इलाज करने में सुविधा हो।

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