हापुण की घटना को लेकर बार कौंसिल उत्तर प्रदेश ने हड़ताल को बढ़ाया आगे, जांच आने तक रहेगी हड़ताल


उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के आह्वान पर यूपी के अधिवक्ता सोमवार और मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। यूपी सरकार दिनों में उनकी मांगे नहीं मानी तो मंगलवार की रात फिर वर्चुअल बैठक कर आगे की रणनीति तय की गयी। बार कौंसिल के आह्वान को देखते हुए हाइकोर्ट बार एशोसिएशन ने भी न्यायिक कार्य न करने का फैसला लिया है। अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता कामकाज नहीं करेंगे।
इसके पहले बार कौंसिल के कुछ पदाधिकारी ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद न्यायिक कार्य पर वापस लौटने के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में एक आवश्यक बैठक बुलाने की मांग की। पूर्व अध्यक्ष शिरीष कुमार मेहरोत्रा, पूर्व अध्यक्ष मधुसूदन त्रिपाठी, पांचूराम मौर्य सहित तकरीबन 20 पदाधिकारियों ने पत्र लिखकर आवश्यक बैठक बुलाने की मांग की औऱ आंदोलन के संबंध में चर्चा करने को कहा।
पदाधिकारियों की मांग को देखते हुए सचिव ने एक वर्चुअल बैठक देर रात की और इस बैठक में यूपी की जिला अदालतों और अर्ध न्यायिक संस्थाओं की बार एसोसिएशन की मांग को देखते हुए सर्वसम्मति से सभी पदाधिकारी ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। बार कौंसिल के सचिव जय नारायण पांडेय ने कहा कि फिलहाल दो दिनों की न्यायिक कार्य के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। आगे की रणनीति अगली बैठक में तय की जाएगी।
इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड़ मामले स्वतः संज्ञान ली गई जनहित याचिका पर बार कौंसिल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अधिवक्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए छह सदस्यीय न्यायिक कमेटी का गठन कर दिया है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अगुवाई वाली कमेटी में दो और जजों के साथ उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष, इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता को शामिल किया है। कोर्ट ने इसके पहले चार सितंबर को सुनवाई करते हुए मामले में अधिवक्ताओं की शिकायत पर प्राथमिक की दर्ज करने का आदेश दिया था और जांच कर रही कमेटी में एक सेवानिवृत्ति जिला जज को शामिल करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज हुई है। 
मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। कोर्ट ने हापुड़ घटना मामले की जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तिथि निर्धारित की है और एसआईटी द्वारा की जा रही जांच रिपोर्ट को तलब किया है। हाईकोर्ट के इस आदेश को देखते हुए बार कौंसिल अध्यक्ष ने न्यायिक कार्य से विरत रहने के निर्णय को स्थगित कर दिया था और सोमवार से काम करने का आवाहन किया था। अध्यक्ष के इस आह्वान को देखते हुए कई जिलों की बार एसोसिएशन ने विरोध जताया और आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया था। इसे देखते हुए बार कौंसिल के पदाधिकारियों की ओर से आपत्ति उठाई गई और बैठक बुलाकर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और आंदोलन पर चर्चा की मांग की गई। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया।

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